Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

तोंद निकल आई है, ज़रूर कुछ गड़बड़ है

तोंद निकल आई है, ज़रूर कुछ गड़बड़ है
, मंगलवार, 26 जुलाई 2016 (10:56 IST)
- डॉ सालेया अहसान (हेल्थ एक्सपर्ट)
पेट पर चर्बी बढ़ना या तोंद निकल आना एक ऐसी समस्या है जो ज़िंदगी को ख़तरे में भी डाल सकता है। ये कोई ऐसी चीज नहीं है जो दिखने में खराब मालूम होती हो, बल्कि आपकी सेहत पर ये खतरे का संकेत है।
पसलियों के आस-पास त्वचा एक इंच से ज्यादा खिंचने लगे तो हम इसे बेली फैट या पेट की चर्बी कहते हैं जो ठीक त्वचा के नीचे होती है। इसके अलावा ये हमारे अंदरूनी अंगों, लीवर, पैंक्रियाज़ और आंतों के इर्द-गिर्द भी इकट्ठा होती है।
 
महत्वपूर्ण अंदरूनी अंगों के आस-पास चर्बी सेहत पर असर डाल सकती है। हालांकि त्वचा की फैट के मुकाबले आंत पर फैट ज्यादा तेजी से बनती है और ज्यादा तेजी से कम भी होती है। जब वज़न बढ़ता है तो यहां सबसे पहले चर्बी जमा होती है और वज़न कम होने के साथ इसमें भी सबसे पहले कमी आती है। हालांकि सेहत के लिए यह सबसे ज्यादा खतरनाक मानी जाती है लेकिन अच्छी ख़बर ये है कि इसे कम करना ज़्यादा आसान है।
 
*हेल्थ और फिटनेस वेबसाइटों और टीवी विज्ञापनों में चर्बी घटाने के बहुत आसान उपाय बताए जाते हैं। लेकिन ये कितने भरोसेमंद हैं?
- इसका जवाब ढूंढने के लिए 'ट्रस्ट मी आईएम ए डॉक्टर' की एक टीम ने एक प्रयोग किया। हमने 35 ऐसे वॉलंटियरों के चार ग्रुप बनाए, जिनको इतना मोटापा था कि उन्हें टाइप-3 डायबिटीज़ और दिल के रोगों का ख़तरा था।
 
ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के मेटोबोलिक मेडिसिन के प्रोफ़ेसर फ्रेड्रिक कार्पे और बाथ यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर डायलन थाम्पसन ने दो-दो ग्रुपों पर दो तरीके आजमाए। प्रयोग के पहले हरेक वॉलंटियर की सेहत की जांच की गई, उनकी धड़कन, खून में ग्लूकोज़ और लिपिड की मात्रा, रक्तचाप और कमर की नाप ली गई।
 
हरेका का डेक्सा स्कैन किया गया है जो शरीर के अंदर फैट की मात्रा को बताता है। प्रोफेसर थॉम्पसन ने दो ग्रुपों पर दो तरह के व्यायाम का प्रयोग किया। जबकि प्रो कार्पे ने दो ग्रुपों को दो तरह से खुराक लेने का परमार्श दिया।
 
थॉम्पसन ने पहले ग्रुप के लोगों को सामान्य खुराक लेने को कहा गया और उन्हें दैनिक गतिविधि दर्ज करने के लिए मॉनिटर दिए गए। उन्हें ज्यादा चलने और सक्रियता बढ़ाने के लिए कुछ टिप्स दिए गए। जबकि दूसरे ग्रुप को हेल्थ वेबसाइटों के तरीके आजमाने को कहा गया।
webdunia
चर्बी घटाने का व्यायामः फ़र्श पर लेटकर अपने घुटनों को मोड़ लें, तलवों को फर्श से चिपकाए रखें। अपने दोनों हाथों को अपने कान के पीछे सिर के पीछे रखें। अब अपने घुटनों की ओर मुड़ें। जब फर्श से आपके कंधे तीन इंच तक ऊपर उठ जाएं तो कुछ देर के लिए रुकें और फिर धीरे धीरे वापस आएं।
 
ऊपर मुड़ने के दौरान अपनी ठुड्डी को छाती से न लगाएं। अपनी पसलियों को सिकोड़ें। झटके से अपने सिर को न उठाएं। (स्रोतः एनएचएस च्वाइसेस)
 
प्रो कार्पे की निगरानी में तीसरे ग्रुप को चर्बी घटाने के एक अन्य लोकप्रिय नुस्खा, एक दिन में तीन ग्लास दूध पीने को कहा गया। ऐसे शोध आते रहे हैं जिनमें दूध से बनी चीजों को चर्बी घटाने वाला बताया जाता है।
 
जबकि चौथे ग्रुप के खुराक पर अधिक ध्यान दिया गया। उनसे बस इतना कहा गया कि वो अपने हाथ और अंगुलियों से खाने को नापें। उन्हें भोजन के बीच में स्नैक्स न खाने को कहा गया। इन्हें भूख के मारे उठने वाले दर्द से निपटने के गुर बताए गए।
 
छह सप्ताह बाद सभी प्रतिभागियों के सेहत की फिर से जांच की गई। पहले ग्रुप में पाया गया कि चर्बी तो नहीं घटी लेकिन सेहत में काफ़ी सुधर आया है और एक प्रतिभागी के ख़ून में ग्लूकोज की मात्रा डायबिटिक रेंज से सामान्य तक आ गई। दूसरे ग्रुप में चर्बी तो घटी और कमर भी 2 सेंटीमीटर कम हुई लेकिन सेहत और वज़न में कोई खास सुधार नहीं दिखा।
 
दूध पीने वाले तीसरे ग्रुप की सेहत में कोई बदलाव नहीं आया। हालांकि उन्हें 400 कैलोरी अतिरिक्त लेने को कहा गया था, लेकिन उनका वजन नहीं बढ़ा। सबसे अधिक सुधार नियंत्रित खुराक लेने वाले चौथे ग्रुप में दिखा। इसमें औसतन प्रति व्यक्ति 3.7 किलो वजन कम हुआ और कमर औसतन 5 सेंटीमीटर कम हुई।
 
डेक्सा स्कैन के नतीजे भी काफी दिलचस्प रहे। शरीर की चर्बी में 5 प्रतिशत कमी आई जबकि अंदरूनी अंगों की चर्बी में 14 प्रतिशत की कमी आई। इनकी सेहत में भी सुधार आया। हालांकि इससे उनके पैरों की पेशियों के लचीलेपन में कमी आई।
 
तो, अंत में नतीज़ा ये है कि अगर आप अपने पेट की चर्बी कम करना चाहते हैं तो सदियों पुरानी उसी सलाह को मानना होगा यानी खुराक़ और व्यायाम का सही अनुपात। बाकी चीजों को वहीं छोड़ दें जहां वो हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

नरसिंह मामले पर नरम क्यों पड़े सुशील?