हरियाली अमावस्या का त्योहार सावन में प्रकृति पर आई बहार की खुशियों का जश्न है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को प्रकृति के करीब लाना है। गांवों में इस दिन मेले लगाए जाते हैं तो कहीं दंगल का आयोजन भी किया जाता है। कुछ स्थानों पर इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा कर उसके फेरे लगाने तथा मालपुए का भोग लगाने की परंपरा है। ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन हर व्यक्ति को एक पौधा अवश्य रोपना चाहिए। इस बार यह त्योहार 11 अगस्त शनिवार को आ रहा है।
कामना सिद्धि हेतु कौन-सा वृक्ष लगाएं
लक्ष्मी प्राप्ति के लिए : तुलसी, आंवला, केला, बिल्वपत्र का वृक्ष।
आरोग्य प्राप्ति के लिएः ब्राह्मी, पलाश, अर्जुन, आँवला, सूरजमुखी, तुलसी।
ऐश्वर्य व सौभाग्य प्राप्ति हेतु: अशोक, अर्जुन, नारियल, ब़ड़ (वट) का वृक्ष।
संतान प्राप्ति हेतु: पीपल, नीम, बिल्व, नागकेशर, गु़ड़हल, अश्वगंधा।
मेधा वृद्धि प्राप्ति हेतु: आँक़ड़ा, शंखपुष्पी, पलाश, ब्राह्मी, तुलसी।
सुख प्राप्ति के लिए: नीम, कदम्ब, घने छायादार वृक्ष।
आनन्द प्राप्ति के लिए : हरसिंगार (पारिजात) रातरानी, मोगरा, गुलाब। हरियाली अमावस्या पर वृक्षारोपण का अधिक महत्व है। शास्त्रों में कहा गया है कि एक 1 पेड़ 10 पुत्रों के समान होता है। पेड़ लगाने के सुख बहुत होते हैं और पुण्य उससे भी अधिक। वृक्षों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने हेतु परिवार के प्रति व्यक्ति को हरियाली अमावस्या पर एक-एक पौधा रोपण करना चाहिए।