श्रावण मास के कठोर व्रत-नियम पालन करने की अगर आपकी हिम्मत नहीं है फिर भी आप चाहते हैं कि व्रत का पुण्य ला भ आपको मिले वह भी सरलतम तरीके से तो हम आपके लिए लाए हैं यह अत्यंत आसान विधि...
-व्रत का संकल्प करने की आवश्यकता नहीं है। व्रत का संकल्प तभी होगा यदि तीस दिन के रख रहे हों।
-हर सोमवार को भगवान शंकर का ध्यान करते हुए व्रत करें। शाम को तीसरे पहर के बाद व्रत का परायण करें। शाम को एक ही स्थान पर बैठकर भरपेट अच्छा सात्विक भोजन करें।
- दिन में फलाहार करें। व्रत खोलने से पहले भगवान शंकर का दूध से अभिषेक कर सकें तो उत्तम होगा। ।
-तामसिक भोजन का परित्याग करें। टमाटर, बैंगन आदि का प्रयोग न करें।
-सावन के हर सोमवार को व्रत करने का विशेष महत्व है। हर सोमवार को भगवान शंकर का अभिषेक करें काले तिल से।
-ध्यान रखें, व्रतों का संकल्प किया है तो सफेद तिलों से अभिषेक होगा। संकल्प नहीं किया है तो भगवान शंकर का अभिषेक काले तिलों से होगा।
पूजा का ध्यान
-आप नियमित जो भी पूजा जिस भी क्रम में कर रहे हैं करते रहिए।
-गणपति के बाद भगवान शंकर की पूजा करिए। सावन में यही क्रम रखें- पहले पर गणपति, दूसरे पर शंकर जी, तीसरे पर दुर्गा, चौथे पर भगवान विष्णु, पांचवें पर नवग्रह।
-सावन के महीने में ॐ नम: शिवायै का जाप करें। कोशिश करें कि 11, 7 या 3 माला हो जाएं।
-श्रावण मास में शिवरात्रि तक ॐ नम: शिवायै और महामृत्युजंय मंत्र का जाप होता है।