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Guru pushya nakshatra: गुरु पुष्य नक्षत्र के इस वृक्ष पर अर्पित किया जल तो होगी लक्ष्मी की प्राप्ति

Guru pushya nakshatra

WD Feature Desk

, गुरुवार, 24 अक्टूबर 2024 (11:39 IST)
Guru pushya nakshatra 2024 dates and time: इस बार दिवाली के पहले 24 अक्टूबर 2024 गुरुवार के दिन गुरु पुष्य नक्षत्र है जिसे नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। इस नक्षत्र में खरीदी गई चीजें शुभ फलदायी और स्थायी रहती है। इस बार इसी दिन अमृत और सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ ही लक्ष्मी नारायण योग भी बना है। यह नक्षत्र सोना, चांदी और वाहन खरीदा के लिए शुभ माना जाता है। प्रत्येक नक्षत्र का एक प्रतिनिधित्व वृक्ष या पौधा भी होता है। इसी तरह पुष्‍य नक्षत्र का भी एक पेड़ है जिसकी पूजा करने से सभी तरह का संकट मिटता है और लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
 
पुष्य नक्षत्र का पेड़ पीपल का वृक्ष : पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि है जबकि नक्षत्र देव बृहस्पति है और यह नक्षत्र चंद्रमा की कर्क राशि में विचरण करता है। अत: शनि के मान से शमी और बृहस्पति के मान से पीपल का वृक्ष इस नक्षत्र का प्रतिनिधित्व करता है। अधिक जगह पर पीपल के वृक्ष की पूजा का विधान बताया गया है। शमी की पूजा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और संकट समाप्त होते हैं। वहीं, पीपल के वृक्ष की पुष्य नक्षत्र में पूजा करने से साक्षात माता लक्ष्मी की पूजा होती है। इससे धन प्राप्ति के मार्ग खुल जाते हैं। 
 
पुष्य में बृहस्पति का व्रत और पूजन किया जाता है। पीपल के पेड़ को पुष्य नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के खाली हिस्से में पीपल का वृक्ष लगाकर उसकी पूजा करते हैं जिससे उनके जीवन में हमेशा सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। अंजीर और गूलर या खरपत्री का वृक्ष भी पुष्‍य नक्षत्र का प्रतिनिधित्व करता है।
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24 अक्टूबर 2024 गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन का शुभ मुहूर्त:-
सोना और वाहन खरीदने का मुहूर्त: सुबह 11:43 से दोपहर 12:28 के बीच।
लाभ का चौघड़िया: दोपहर 12:05 से दोपहर 01:29 के बीच।
शुभ का चौघड़िया: अपराह्न 04:18 से शाम 05:42 के बीच।
 
नोट : वैसे इस दिन पुष्य नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग, लक्ष्मी नारायण और अमृत सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा इसलिए राहुकाल छोड़कर कभी भी कुछ भी खरीद सकते हैं। राहुकाल दोपहर 01:29 से दोपहर 02:54 के बीच रहेगा।
 
पुष्य नक्षत्र में क्या खरीदें?
पुष्य नक्षत्र पर बृहस्पति (गुरु), शनि और चंद्र का प्रभाव होता है इसलिए सोना, चांदी, लोहा, बहीखाता, परिधान, उपयोगी वस्तुएं खरीदना शुभ होता है। इस नक्षत्र के देवता बृहस्पति हैं जिसका कारक सोना है। स्वामी शनि है अत: लोहा और चंद्र का प्रभाव रहता है इसलिए चांदी खरीदते हैं। स्वर्ण, लोहा या वाहन आदि और चांदी की वस्तुएं खरीदी जा सकती है। इसी के साथ ही बड़े निवेश करना इस नक्षत्र में अत्यंत शुभ माने जाते हैं।

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