Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

30 तिथियों में सबसे ज्यादा पवित्र हैं एकादशी और प्रदोष, चमत्कार जानेंगे तो अवश्य करेंगे व्रत

Webdunia
एकादशी और प्रदोष तिथि के चमत्कारी लाभ 
प्रत्येक तिथि और वार का हमारे मन और मस्तिष्क पर गहरा असर पड़ता है। इस असर को जानकर ही कोई कार्य किया जाए तो चमत्कारिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। तिथि और वार का निर्धारण सैकड़ों वर्षों की खोज और अनुभव के आधार पर किया गया है। इस तिथि के प्रभाव को जानकर ही व्रत और त्योहारों को बनाया गया। जन्मदिन का सही समय या तारीख तिथि ही है।
 
30 तिथियों के नाम निम्न हैं:- पूर्णिमा (पूरनमासी), प्रतिपदा (पड़वा), द्वितीया (दूज), तृतीया (तीज), चतुर्थी (चौथ), पंचमी (पंचमी), षष्ठी (छठ), सप्तमी (सातम), अष्टमी (आठम), नवमी (नौमी), दशमी (दसम), एकादशी (ग्यारस), द्वादशी (बारस), त्रयोदशी (तेरस), चतुर्दशी (चौदस) और अमावस्या (अमावस)। पूर्णिमा से अमावस्या तक 15 और फिर अमावस्या से पूर्णिमा तक 30 तिथि होती है। तिथियों के नाम 16 ही होते हैं। उक्त सभी तिथियों का अलग अलग महत्व है लेकिन हम बताना चाहते हैं एकादशी और प्रदोष तिथि को किए वाले जाने व्रत का महत्व...
 
एकादशी और प्रदोष तिथि क्या है : ग्यारस अर्थात ग्यारह तिथि को एकादशी और तेरस या त्रयोदशी तिथि को प्रदोष कहा जाता है। प्रत्येक शुक्ल और कृष्ण पक्ष में यह दोनों ही तिथियां दो बार आती है। हिन्दू धर्म में एकादशी को विष्णु से तो प्रदोष को शिव से जोड़ा गया है। हालांकि ऐसा जरूरी नहीं है। आपका ईष्‍ट कोई भी आप यह दोनों ही व्रत रख सकते हैं। जरूरी नहीं है कि प्रदोष रखते वक्त शिव की ही उपासना करें। 
 
उक्त दोनों तिथियों पर व्रत रखने के चमत्कारिक लाभ 
 
उक्त दोनों तिथियों पर व्रत रखने का लाभ : दोनों ही तिथियां चंद्र से संबंधित है। जोभी व्यक्ति दोनों में से एक या दोनों ही तिथियों पर व्रत रखकर मात्र फलाहार का ही सेवन करना है उसका चंद्र कैसा भी खराब हो वह सुधरने लगता है। अर्थात शरीर में चंद्र तत्व में सुधार होता है। माना जाता है कि चंद्र के सुधार होने से शुक्र भी सुधरता है और शुक्र से सुधरने से बुध भी सुधर जाता है। दोनों ही व्रतों का संबंध चंद्र के सुधारने और भाग्य को जाग्रत करने से है अत: किसी भी देव का पूजन करें।
 
चंद्रमा की स्थिति के कारण व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक स्थिति खराब या अच्छी होती है। चंद्रमा की स्थिति का प्रत्येक व्यक्ति पर असर पड़ता ही पड़ता है। ऐसी दशा में एकादशी का ठीक से व्रत रखने पर, सही तरीके से व्रत रखने पर आप चंद्रमा के खराब प्रभाव को, नकारात्मक प्रभाव को रोक सकते हैं। चंद्रमा ही नहीं यहां तक की बाकी ग्रहों के असर को भी आप बहुत हद तक कम कर सकते हैं। एकादशी के व्रत का प्रभाव आपके मन और शरीर दोनों पर पड़ता है।
 
एकादशी के व्रत से आप अशुभ संस्कारों को भी नष्ट कर सकते हैं। पुराणों अनुसार जो व्यक्ति एकादशी करता रहता है वह जीवन में कभी भी संकटों से नहीं घिरता और उनके जीवन में धन और समृद्धि बनी रहती है। विजया एकादशी से भयंकर से भयंकर परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं। इससे आप अपने श‍त्रुओं को भी परास्त कर सकते हैं। सभी का महत्व उनके नाम से ही प्रकट होता है।
 
एकादशी का रहस्य 
 
एकादशी : व्रतों में प्रमुख व्रत होते हैं नवरात्रि के, पूर्णिमा के, अमावस्या के, प्रदोष के और एकादशी के। इसमें भी सबसे बड़ा जो व्रत है वह एकादशी का है। माह में दो एकादशी होती है। अर्थात आपको माह में बस दो बार और वर्ष के 365 दिन में मात्र 24 बार ही नियम पूर्वक व्रत रखना है।
 
26 एकादशियां : चैत्र माह में कामदा और वरूथिनी एकादशी, वैशाख माह में मोहिनी और अपरा, ज्येष्ठ माह में निर्जला और योगिनी, आषाढ़ माह में देवशयनी एवं कामिका, श्रावण माह में पुत्रदा एवं अजा, भाद्रपद में परिवर्तिनी एवं इंदिरा, आश्‍विन माह में पापांकुशा एवं रमा, कार्तिक माह में प्रबोधिनी एवं उत्पन्ना, मार्गशीर्ष में मोक्षदा एवं सफला, पौष में पुत्रदा एवं षटतिला, माघ में जया एवं विजया, फाल्गुन में आमलकी एवं पापमोचिनी, अधिकमास (तीन वर्ष में एक बार) में पद्मिनी एवं परमा एकादशी। वर्ष में 24 एकादशी जबकि प्रत्येक तीसरे वर्ष 26 एकादशी होती है। 

सम्बंधित जानकारी

ज़रूर पढ़ें

दिवाली से पहले घर से हटा दें ये पांच चीजें, तभी होगा मां लक्ष्मी का आगमन

Diwali 2024: धनतेरस और दिवाली पर वाहन खरीदनें के सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त | Date-time

धनतेरस पर कैसे पाएं ट्रेडिशनल और स्टाइलिश लुक? जानें महिलाओं के लिए खास फैशन टिप्स

हर साल दिवाली पर क्यों खरीदते हैं लक्ष्मी-गणेश की नई मूर्ति?

दिवाली, दीपावली, दीपोत्सव या दीप पर्व क्या है सही नाम इस महा त्योहार का, जानिए यहाँ

सभी देखें

नवीनतम

Aaj Ka Rashifal: क्या कहती है आज आपकी राशि, पढ़ें 25 अक्टूबर 2024 का दैनिक राशिफल

25 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

25 अक्टूबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Dhanteras Rashifal: धनतेरस पर बन रहे 5 दुर्लभ योग, इन राशियों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा

Rama ekadashi date time: रमा एकादशी कब है, क्या है इसका महत्व और कथा

આગળનો લેખ
Show comments