janmashtami 2020 puja vidhi
मनमोहन,केशव, श्याम, गोपाल, कान्हा, श्रीकृष्णा, गोपाल, घनश्याम, बाल मुकुन्द, गोपी मनोहर, श्याम, गोविंद, मुरारी, मुरलीधर जाने कितने सुहाने नामों से पुकारे जाने वाले यह खूबसूरत देव दिल के बेहद करीब लगते हैं। इनकी पूजा का ढंग भी उनकी तरह ही निराला है।
आइए जानें जन्माष्टमी 2020 पर कैसे करें श्रीकृष्ण की पूजा....
चौकी पर लाल कपड़ा बिछा लीजिए।
भगवान् कृष्ण की मूर्ति चौकी पर एक पात्र में रखिए।
अब दीपक जलाएं और साथ ही धूपबत्ती भी जला लीजिए।
भगवान् कृष्ण से प्रार्थना करें कि, 'हे भगवान् कृष्ण ! कृपया पधारिए और पूजा ग्रहण कीजिए।
श्री कृष्ण को पंचामृत से स्नान कराएं।
फिर गंगाजल से स्नान कराएं।
अब श्री कृष्ण को वस्त्र पहनाएं और श्रृंगार कीजिए।
भगवान् कृष्ण को दीप दिखाएं।
इसके बाद धूप दिखाएं।
अष्टगंध चन्दन या रोली का तिलक लगाएं और साथ ही अक्षत (चावल) भी तिलक पर लगाएं।
माखन मिश्री और अन्य भोग सामग्री अर्पण कीजिए और तुलसी का पत्ता विशेष रूप से अर्पण कीजिए. साथ ही पीने के लिए गंगाजल रखें।
अब श्री कृष्ण का इस प्रकार ध्यान कीजिए :
श्री कृष्ण बच्चे के रूप में पीपल के पत्ते पर लेटे हैं।
उनके शरीर में अनंत ब्रह्माण्ड हैं और वे अंगूठा चूस रहे हैं।
इसके साथ ही श्री कृष्ण के नाम का अर्थ सहित बार बार चिंतन कीजिए।
कृष् का अर्थ है आकर्षित करना और ण का अर्थ है परमानंद या पूर्ण मोक्ष।
इस प्रकार कृष्ण का अर्थ है, वह जो परमानंद या पूर्ण मोक्ष की ओर आकर्षित करता है, वही कृष्ण है।
मैं उन श्री कृष्ण को प्रणाम करता/करती हूं। वे मुझे अपने चरणों में अनन्य भक्ति प्रदान करें।
विसर्जन के लिए हाथ में फूल और चावल लेकर चौकी पर छोड़ें और कहें : हे भगवान् कृष्ण! पूजा में पधारने के लिए धन्यवाद।
कृपया मेरी पूजा और जप ग्रहण कीजिए और पुनः अपने दिव्य धाम को पधारिए।