Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

क्यों इतना अशुभ और भयावह है यमघंटक योग, जानिए कैसे बनता है

क्यों इतना अशुभ और भयावह है यमघंटक योग, जानिए कैसे बनता है

श्री रामानुज

* कैसे बनता है यमघंटक योग, क्यों है अशुभ...
 
मंगल कार्यों को करने के लिए त्याज्य माने गए इन योगों का निर्धारण करने के कुछ नियम बताए हैं, जहां पर इन के होने की स्थिति को बताया गया है। अशुभ योगों को देखने के लिए भी इन्हीं तथ्यों के आधार पर पता किया जा सकता है।
 
तो आइए, समझते हैं कि कब और कैसे बनता है यमघंटक योग :-
 
* रविवार के दिन जब मघा नक्षत्र का संयोग बनता है तो यमघंटक योग का निर्माण होता है। 
 
* सोमवार का दिन हो और उस दिन विशाखा नक्षत्र होने पर इस योग से यमघंटक योग का निर्माण होता है।
 
* मंगलवार के दिन आर्द्रा नक्षत्र का संयोग होने पर यमघंटक योग की स्थिति उत्पन्न होती है।
* बुधवार के दिन जब मूल नक्षत्र का संयोग होने पर इस योग का निर्माण माना जाता है।
 
* बृहस्पतिवार के दिन यदि कृतिका नक्षत्र का मिलान हो जाने पर यमघंटक नक्षत्र बनता है।
 
* शुक्रवार के दिन अगर रोहिणी नक्षत्र का उदय होता है तो यह भी यमघंटक की स्थिति होती है।
 
* शनिवार के दिन अगर हस्त नक्षत्र की स्थिति बनती है तो यह स्थिति भी इसी योग का निर्माण करती है।
 
परंतु रात्रिकाल में यमघंटक योग इतना अशुभ नहीं माना जाता है। वैसे शुभ कार्यों के प्रारंभ में भद्रा काल से बचना चाहिए और चर, स्थिर लग्नों का ध्यान रखना चाहिए।
 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

प्राचीन काल में इस तरह जवान बने रहते थे लोग, जानिए 7 रहस्य