कोलकाता। कोलकाता हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में पश्चिम बंगाल के दुर्गा पूजा पंडाल में आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी। तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि पूजा पंडाल को प्रवेश निषेध क्षेत्र घोषित किए जाने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले से कई लोग निराश होंगे, जबकि राज्य में विपक्षी दलों ने फैसले का स्वागत किया है।
न्यायमूर्ति संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि किसी भी आगंतुक को पंडाल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अदालत ने कहा कि छोटे पंडालों के लिए प्रवेश द्वार से पांच मीटर की दूरी पर बैरिकेड लगाने होंगे जबकि बड़े पंडालों के लिए यह दूरी 10 मीटर होनी चाहिए। आयोजन समितियों से जुड़े सिर्फ 15 से 25 लोगों को ही पंडालों में प्रवेश करने की अनुमति होगी।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने कहा कि लोग दुर्गा पूजा मनाने के लिए सालभर इंतजार करते है। उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा को संभव बनाने वाले कई आयोजक इस आदेश से निराश होंगे।
इस बीच, केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने अदालत के फैसले को सही बताते हुए उसका स्वागत किया। माकपा विधायक दल के नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि यह फैसला हजारों लोगों के जीवन की रक्षा करेगा।
राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इस बार कोविड-19 के कारण हर किसी को कोई न कोई बलिदान देना होगा।
उल्लेखनीय है कि अदालत ने कोविड-19 के प्रसार पर काबू के लिए सोमवार को राज्य भर के सभी दुर्गा पूजा पंडालों को प्रवेश निषेध क्षेत्र घोषित कर दिया।
पश्चिम बंगाल में अब तक कोरोना वायरस के 3.2 लाख मामले सामने आ चुके हैं और इस बीमारी के कारण 6,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। (भाषा)