लगातार 5 मैच जीतने वाली पाकिस्तान की टीम टी-20 विश्वकप के दूसरे सेमीफाइनल में अंत में आकर ऑस्ट्रेलिया से मैच हार गई।आईसीसी टूर्नामेंट के नॉकआउट में पाकिस्तान ऑस्ट्रेलिया को कभी नहीं हरा पायी है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह पाकिस्तान की ऐसी पांचवी हार है।
शुरुआत से लेकर पाकिस्तान ऐसी टीम लग रही थी कि इसको हराया नहीं जा सकता लेकिन सेमीफाइनल एक नॉक आउट मुकाबला होता है। उस दिन पिछला प्रदर्शन मायने नहीं रखता।
पाकिस्तान के लिए यह हार इसलिए भी चुभने वाली है क्योंकि जिस कारण ऑस्ट्रेलिया के कप्तान ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी की थी वह कारण दूसरी पारी में नदारद था।
पाकिस्तान की गेंदबाजी के दौरान ओस नदारद थी। कोई भी खिलाड़ी अपने पास गेंद को सुखाने के लिए तौलिया इस्तेमाल नहीं कर रहा था। एक बड़ा कारक जो बाद में फील्डिंग करने वाले कप्तानों का सिरदर्द रहा कल वह नहीं था, फिर भी पाकिस्तान यह मैच जीतने में असफल रही।
इस हार के तीन प्रमुख कारण लग रहे हैं।
1) अच्छी शुरुआत को बहुत बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर पाए पाकिस्तानी बल्लेबाज
पाकिस्तान के बल्लेबाजों ने 6 ओवर में 49 रन बनाए। लेकिन इसके बाद जैसे ही एडम जैंपा आए वैसे ही रन रेट धीमी हो गई। उन पर प्रहार करने की चेष्टा में कप्तान बाबर आजम ने अपना विकेट गंवाया।
पाकिस्तान ने बड़ा स्कोर जरूर बनाया लेकिन यह स्कोर 185 से 195 तक पहुंच सकता था। बल्लेबाजी क्रम में कप्तान ने बदलाव तो किया पर काफी देर हो चुकी थी।
खुद के आउट होने के बाद अगर बाबर आसिफ को भेज देते तो यह स्कोर बड़ा हो सकता था। आसिफ जब मैदान पर आए तब 2 ओवर ही बचे थे। अब तक पाक के बेस्ट फिनिशर रहे आसिफ हवाई शॉट खेलकर गोल्डन डक पर आउट हो गए।
2) गेंदबाजी क्रम में बदलाव नहीं
ऐसा लग रहा था पाकिस्तान एक नियत फॉर्मूले के तहत ही खेलने उतरा है। बाएं हाथ के बल्लेबाज डेविड वॉर्नर के सामने पॉवरप्ले के दौरान ही इमाद वसीम को गेंद थमा दी। जिसमें वह काफी महंगे साबित हुए।
इसके अलावा एक कारण यह भी रहा कि पाक कप्तान एक ही टीम के साथ पूरा टूर्नामेंट खेल गए। हसन अली ने अपने 4 ओवर में 44 रन लुटाए। उनकी जगह किसी भी गेंदबाज को छोटी टीम के खिलाफ मौका नहीं दिया। अगर दिया होता तो वह सेमीफाइनल में एक बेहतर गेंदबाज को खिला सकते थे।
3) खराब फील्डिंग बनी हार का बड़ा कारण
पाकिस्तान की सबसे बड़ी कमजोरी फील्डिंग रही है। लेकिन इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान ने शानदार फील्डिंग करी। लेकिन कल फिर पुराने ढर्रे पर पाक की फील्डिंग दिखी।
कुछ चौके थे जो रोके जा सकते थे। डायरेक्ट हिट भी नहीं लगे। मार्कस स्टॉइनिस का शाहीन अफरीदी ने, फकर जमान ने डेविड वॉर्नर का डायरेक्ट हिट मिस किया। लेकिन सबसे ज्यादा रन आउट मिस अखरा शादाब खान का जिन्होंने मैथ्यू वेड को पवैलियन जाने का मौका खोया। इस थ्रो में अगर शादाब थोड़ा और समय ले लेते तो वेड आउट हो जाते और मैच का नतीजा कुछ और होता क्योंकि वेड के हाथ से बल्ला छूट गया था।
इसके बाद उन्नीसवें ओवर में हसन अली का कैच ड्रॉप तो बहुत निर्णायक साबित हुआ। इस कैच के बाद मैथ्यू वेड ने शाहीन अफरीदी की 3 गेंदो पर 3 छक्के लगाकर मैच समाप्त कर दिया।
लीग मैच में पाकिस्तान एक ऐसी टीम लग रही थी जिसे हराया नहीं जा सकता। लेकिन जैसे ही नॉक आउट स्टेज में पहुंची वैसे ही टीम को हार का सामना करना पड़ा और महज इस एक हार से उसके विश्वकप का सफर खत्म हो गया।
भले ही पहली बार पाकिस्तान ने इस विश्वकप में भारतीय टीम को धूल चटाई हो लेकिन उनके फैंस को सोने पर सुहागा यानि की टी-20 विश्वकप कराची में लाने की उम्मद थी। अब उम्मीद टूटती है तो दुख तो होता ही है। यही कारण रहा कि स्टेडियम में और टीवी के सामने पाक का समर्थन कर रहे दर्शकों की आंखो में आंसू आ गए।(वेबदुनिया डेस्क)