लखनऊ। "पुलिस अंकल! आप गाड़ी रोकेंगे तो पापा रुक जाएंगे, प्लीज गोली मत मारियेगा।" बच्चों की ऐसी अपील वाले पोस्टर उत्तर प्रदेश में तमाम लोगों ने अपनी कारों पर चिपका लिए हैं। ये हुआ है लखनऊ में एप्पल कंपनी के रीजनल मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के बाद, जिन्हें पुलिस ने इसलिए गोली मार दी, क्योंकि उन्होंने पुलिस के दो सिपाहियों के कहने पर अपनी कार नहीं रोकी थी।
विवेक की दो छोटी बच्चियां हैं। कई जगह तमाम लोग इन पोस्टरों को उठाए हुए अपने बच्चों की तस्वीर भी सोशल साइट्स पर पोस्ट कर रहे हैं। ये पोस्टर आम लोगों में पुलिस के लिए पैदा हुए गुस्से का नतीजा है।
राजधानी लखनऊ में विवेक तिवारी हत्याकांड के बाद सोशल मीडिया पर यूपी पुलिस के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। लोगों ने उत्तर प्रदेश पुलिस के आरोपी कॉन्स्टेबल प्रशांत चौधरी द्वारा थाने में मीडिया को दी जा रही सफाई पर सवाल खड़े किए। इस मामले में हरदोई की शाहाबाद विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की विधायक रजनी तिवारी ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर लखनऊ डीएम एवं पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
विवेक तिवारी हत्याकांड पर शाहाबाद से भाजपा विधायक रजनी तिवारी ने लिखा, 'इस घटना में लखनऊ के स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली घोर निंदनीय है। पुलिस प्रशासन द्वारा मीडिया में अभियुक्त को गिरफ्तार बताया गया लेकिन अभियुक्त FIR लिखवाने पहुंच गया और वहां मीडिया के सामने न सिर्फ उपस्थित हुआ बल्कि बयान देते हुए भी नजर आया है। जिलाधिकारी लखनऊ ने तो पीड़ित परिवार के अनुसार उन्हें धमकाया भी, जो बेहद शर्मनाक है। इन सब घटनाक्रम से स्थानीय प्रशासन का व्यवहार पक्षपातपूर्ण प्रतीत होता है।....मेरा आपसे आग्रह है कि लखनऊ के जिलाधिकारी और पुलिस प्रशासन के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने का कष्ट करें।'
उल्लेखनीय है कि एपल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक आईफोन Xs की लॉन्चिंग बाद एक महिला साथी को देर रात उसके घर छोड़ने जा रहे थे। शहर के गोमती नगर इलाके में लखनऊ पुलिस के दो सिपाहियों प्रशांत चौधरी और संदीप ने उनका पीछा कर रुकने के लिए कहा। उनके न रुकने पर प्रशांत चौधरी ने उनके चेहरे पर गोली मार दी। गंभीर रूप से घायल विवेक की इलाज के दौरान मौत हो गई। विवेक तिवारी की दो बेटियां हैं।
हालांकि मीडिया में पुलिस की इस हरकत की जबरदस्त आलोचना होने के बाद दोनों पुलिस वालों के खिलाफ मुकदमा दायर कर जेल भेज दिया गया।
मृतक विवेक तिवारी का रविवार को लखनऊ स्थित बैकुंठधाम में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान योगी सरकार में कानून मंत्री बृजेश पाठक और कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन भी मौजूद थे। एडीजी का यह कहना है कि परिवार द्वारा मांग किए जाने पर सीबीआई जांच कराई जाएगी।
गौरतलब है कि शनिवार को डीएम कौशल राज शर्मा ने मृतक के परिवार को 25 लाख रुपए मुआवजा और नौकरी देने का ऐलान किया था।
इस मामले में मृतक विवेक तिवारी की पत्नी का कहना है कि मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है बस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ये पूछना चाहती हूं कि मैं अपनी बेटियों का भविष्य 25 लाख रुपये में कैसे सुरक्षित करुंगी। कल्पना ने मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। साथ ही पुलिस विभाग में नौकरी देने और परिवार का भविष्य सुरक्षित करने के लिये एक करोड़ रुपये मुआवजे की भी मांग की है।
उधर, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विवेक तिवारी की पत्नी से फोन पर बात की। मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार से अपनी संवेदनाएं जाहिर की। उन्होंने मृतक विवेक तिवारी की पत्नी से कहा कि परिवार को जिस किसी भी प्रकार की मदद की जरूरत होगी, सरकार उसे मुहैया कराएगी। उन्होंने यह भी कहा कि उनका परिवार जब कभी भी चाहेगा उनसे मिल सकता है। (एजेंसी)