आज अधिक मास की अष्टमी, जानिए क्या है इसका महत्व
Kaal ashtami 2023 : आज अधिक मास की अष्टमी है। इस बार सावन अधिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर कालाष्टमी पर्व मनाया जा रहा है। मान्यता नुसार काल भैरव बाबा की उत्पत्ति कृष्ण अष्टमी के दिन हुई थी। इसीलिए इस तिथि को कालाष्टमी कहते हैं।
अधिक मास में आने वाली पंचमी, अष्टमी तथा एकादशी तिथि को बहुत अधिक खास माना गया हैं। अधिक मास में पूजा, साधना, आराधना से जुड़े धर्म-कर्म के कार्य किए जाते हैं। तथा अधिक मास की अष्टमी पर कालभैरव, शिव जी, श्रीहरि विष्णु, श्री गणेश और भगवान श्री कृष्ण तथा अपने इष्टदेव की आराधना करने का विशेष महत्व है। यह अष्टमी जब शनिवार को पड़ती है तो इसका महत्व बढ़ जाता है।
इस बार 8 अगस्त 2023 को कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पड़ने के कारण कालाष्टमी व्रत रखा जा रहा है। अधिक मास पड़ने के कारण इसका अधिक महत्व बढ़ गया है।
भगवान भैरव को यह अष्टमी समर्पित होने के कारण इसे काला अष्टमी भी कहा जाता है। इस दिन भैरव जी को प्रसन्न करने के लिए भगवान बटुक भैरव को कच्चा दूध अर्पित करके हलुआ, पूरी का भोग लगाया जाता हैं। तथा उनकी प्रिय मदिरा और शराब भी अर्पित की जाती है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मुख्य रूप से आठ भैरव माने गए हैं- 1. असितांग भैरव, 2. रुद्र या रूरू भैरव, 3. चंड भैरव, 4. क्रोध भैरव, 5. उन्मत्त भैरव, 6. कपाली भैरव, 7. भीषण भैरव और 8. संहार भैरव। अत: अधिक मास की कालाष्टमी पर इनका पूजन और व्रत करके विशेष लाभ प्राप्त किया जा सकता है। तथा भगवान भैरव से अपार शक्ति प्राप्त की जा सकती है।
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
આગળનો લેખ