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शेयर बाजार में उम्मीद की ‘मई’, निफ्टी ने रचा इतिहास, निवेशकों की बल्ले बल्ले

शेयर बाजार में उम्मीद की ‘मई’, निफ्टी ने रचा इतिहास, निवेशकों की बल्ले बल्ले

नृपेंद्र गुप्ता

, मंगलवार, 1 जून 2021 (10:06 IST)
मुंबई। निवेशकों के लिए भारतीय शेयर बाजार में मई उम्मीद की नई किरण लेकर आया। कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से आई गिरावट ने भारतीय शेयर बाजारों को मजबूती दी। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों 31 मई को नई ऊंचाई पर बंद हुए। इसमें भी निफ्टी तो पहली बार 15600 के स्तर को पार कर गया।
 
सेंसेक्स का 3 माह का सफर : सेंसेक्स के 3 माह के आंकड़े में भारतीय अर्थव्यवस्था की गहराई बयां करते हैं। 3 मार्च को सेंसेक्स 51444 पर था। 20 अप्रैल को यह गिरकर 47706 पर बंद हुआ। इसके बाद सेंसेक्स ने फिर रफ्तार पकड़ी और 31 मई को 52 हजार के करीब बंद हुआ। इस तरह 3 माह में सेंसेक्स में 3738 अंकों का उतार चढ़ाव दिखाई दिया। केवल मई की बात करें तो 3 मई को सेंसेक्स 48719 पर था। 31 मई को सेंसेक्स 51937 पर बंद हुआ।

निफ्टी ने भी रचा इतिहास : इसी तरह 3 मार्च को निफ्टी 15246 पर था। बाजार में करेक्शन आया और 14 अप्रैल को यह 14296 तक पहुंच गया। इसके बाद निफ्टी भी तेज रफ्तार के साथ मई के अंत में 15583 के स्तर पर बंद हुआ। यह निफ्टी का सर्वोच्च स्तर है।

इन सेक्टर्स ने किया मालामाल : बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, सभी सेक्टरों में तेजी का माहौल है। 10 में से 9 सेक्टर्स में निवेश फायदे का सौदा रहा। फार्मा, स्टील, सुगर आदि सेक्टर में निवेशकों ने भारी लाभ कमाया है।

आगे का क्या : शेयर मार्केट एक्सपर्ट योगेश बागौरा के अनुसार, बाजार में जल्द ही एक करेक्शन दिखाई दे सकता है। हालांकि यह करेक्शन ज्यादा बड़ा नहीं है। इस माह के अंत तक या जुलाई के प्रथम सप्ताह तक निफ्टी 14800-14900 तक आ सकता है। सेंसेक्स में भी आने वाले समय में 2000 से 2500 अंकों की गिरावट दिखाई दे सकती है।

बागौरा के अनुसार, शेयर बाजार में निवेशकों के लिए आने वाला समय अच्छा है। एग्रो स्टॉक में निवेश फायदेमंद है। सुगर के शेयरों में भी आने वाले समय तेजी दिखाई दे सकती है। दीपावली तक पेंट्स के शेयरों में निवेश बेहतर रिटर्न दे सकते हैं।  

इस तरह जब देश की राजधानी दिल्ली से लेकर आर्थिक राजधानी मुंबई तक, कोलकाता से लेकर चेन्नई तक लॉकडाउन का असर दिखाई दे रहा था। कहा जाता है ‍कि देश की अर्थव्यवस्था में इन चार महानगरों का बड़ा योगदान है। विकट परिस्थिति में शेयर बाजार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि हमारे सेंटिमेंट्स कितने मजबूत है। 

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