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शिव से मिलन की चाह में महिला ने ली जिंदा समाधि, पुलिस ने निकाला तो बोलीं- भंग की मेरी तपस्या तो भगवान देगा सजा

शिव से मिलन की चाह में महिला ने ली जिंदा समाधि, पुलिस ने निकाला तो बोलीं- भंग की मेरी तपस्या तो भगवान देगा सजा
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अवनीश कुमार

, गुरुवार, 11 फ़रवरी 2021 (11:26 IST)
कानपुर। उत्तरप्रदेश के कानपुर में थाना सजेती के अंतर्गत मढ़ा गांव में रहने वाली 52 वर्षीय महिला गयावती उर्फ गोमती ने अंधविश्वास में घिर चुके अपने पूरे परिवार वालों को बताया कि सपने में भगवान भोलेनाथ ने उसे समाधि लेने के लिए आदेश दिया है और वे समाधि लेने जा रही हैं। और इतना कहने के बाद महिला गयावती उर्फ गोमती ने घर के बाहर लाल साड़ी और हाथ में त्रिशूल लेकर समाधि ले ली। महिला के द्वारा समाधि लेने की बात जैसे ही गांव वालों को पता चली, गांव में हड़कंप मच गया। इसकी जानकारी होते ही एसडीएम, सीओ, पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और समाधि में लेटी महिला को बाहर निकालकर तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उसकी सेहत सामान्य बताई है।
 
प्रभु का था आदेश, प्रभु माफ नहीं करेगा : गयावती उर्फ गोमती को समाधि से बाहर निकालने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी और इस दौरान जब गयावती उर्फ गोमती को समाधि से जबरन बाहर निकाला गया और अस्पताल ले जाने की तैयारी की जाने लगी तो गुस्साई महिला ने पुलिस वालों से कहा कि प्रभु का आदेश था। तुम सबने मिलकर मेरी तपस्या भंग की है या ठीक नहीं किया है। प्रभु किसी को माफ नहीं करेंगे। सबको बराबर सजा मिलेगी।
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5 साल से ले रही हैं समाधि : अंधविश्वास में पूरे परिवार के साथ-साथ घिर चुके महिला के पति रामसजीवन ने बताया कि वह ऐसा पहली बार नहीं कर रही है। हर साल गोमती 24 घंटे की समाधि लेती थी। समाधि लेने से पहले घर में विधि-विधान से पूजा-पाठ होता था। रामसजीवन ने कहा कि पिछले वर्ष से महिला 2 महीने तक अन्न-जल का त्यागकर पूजा-पाठ करती रही है। लेकिन इस बार समाधि लेने की जानकारी पर प्रशासन ने पहुंचकर पत्नी की पूजा-पाठ को भंग किया है।
 
परिवार देता है पूरा साथ : ग्रामीणों की मानें तो गयावती उर्फ गोमती के इस कार्य को पूरा करने में परिवार भी उसका साथ देता है जिसके चलते गोमती ने मंगलवार को ऐलान किया था कि वह 48 घंटे के लिए समाधि लेगी। उसे भोलेनाथ का आदेश है जिसके बाद परिवार के ही लोगों ने घर के बाहर टेंट लगाकर एक चबूतरे पर करीब 5 फीट से ज्यादा चौड़ा गहरा गड्ढा खोदा और सारी व्यवस्थाएं कीं। उसके बाद महिला ने पूजा-पाठ करते हुए लाल साड़ी पहनकर सिर में मुकुट लगाया और हाथ में त्रिशूल लेकर वह गड्ढ़े में बैठ गई थी।
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ग्रामीणों की मानें तो पूरा गांव मानता है कि गयावती उर्फ गोमती की बात भगवान भोलेनाथ से होती है जिसके चलते लोग गोमती की पूजा-अर्चना भी करते हैं और अपनी समस्या लेकर उसके पास भी आते हैं। गयावती उर्फ गोमती भगवान भोलेनाथ से बातचीत कर लोगों की समस्या का निवारण भी करती हैं जिसके लिए उसके घर के बाहर दूरदराज से लोगों के आने से चलते भीड़ बनी रहती है। लोगों को गोमती से मिलने के लिए घंटों इंतजार भी करना पड़ता है।
 
क्या बोले एसडीएम? : एसडीएम अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि समय रहते महिला को गड्ढे से बाहर निकालकर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। महिला की स्थिति सामान्य है। ग्रामीणों से जानकारी मिली है कि अंधविश्वास के चलते उसने बताया था कि भगवान ने सपने में उसे समाधि लेने का आदेश दिया था इसलिए उन्होंने ऐसा किया है।

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