लखनऊ। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी के वर्ष अवसर पर भारतीय जनता पार्टी तमाम तरह के कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। अगर सूत्रों की माने तो इसी कड़ी में उनके विचार अंत्योदय को आगे बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण आंचलों को शहर से जोड़ने के लिए अंत्योदय नाम से कम किराए पर भगवा बसें चलाने का फैसला लिया है।
इस बस की सबसे खास बात यह होगी की यह बस भगवा रंग में होगी और अन्य सरकारी बसों से इसका किराया भी कम होगा। इन सरकारी भगवा बसों का निर्माण उत्तर प्रदेश के परिवहन के वर्कशाप शुरू हो गया है।
परिवहन के वर्कशाप के एक अधिकारी ने नाम न छापने की बात कहते हुए बताया कि पहले चरण में आधा सैकड़ा बसें बनकर तैयार हो गईं है। अंत्योदय बस सेवा में शामिल बसों का डिजाइन व कलर फाइनल हो चुका है। यह बसें भगवा रंग में होंगी। जिनका किराया आम बसों से कम होगा और यह ग्रामीण क्षेत्र से ही चलेंगी।
अंत्योदय बस लगभग 48 मीटर की होगी। जानकारी के मुताबिक इन बसों का किराया लोहिया बसों के अनुरूप लगभग सामान्य बसों 25 फीसदी कम होगा।
बताया जा रहा है प्रदेश सरकार ने परिवहन विभाग को पहले चरण में दो सौ बसें बनाने का लक्ष्य दिया था। इन सभी बसों को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी के अवसर पर 25 सितंबर को हरी झंडी देकर लखनऊ से रवाना करेंगे।
सत्ता परिवर्तन के साथ पहले भी बदला रंग: बताते चलें की परिवहन विभाग की ग्रामीण बसों में कलर को लेकर पिछली दो सरकारों ने भी बदलाव किया था। जब बहुजन समाज पार्टी की सरकार थी तो इन बसों का कलर नीला हुआ करता था। जब बहुजन समाजवादी पार्टी सत्ता से बाहर हुई और समाजवादी पार्टी सत्ता में आई इन बसों का कलर पार्टी के अनुरूप लाल और हरा किया था कहीं उसी राह पर चलकर भारतीय जनता पार्टी भी परिवहन को भगवा रंग में रंगने में लगी है।
अब जो भी हो यह तो आने वाला समय ही बताएगा ग्रामीण सड़कों पर दौड़ रही परिवहन के सभी बसों का रंग एक जैसा हो जाएगा या फिर उन बसों में कोई परिवर्तन न लाते हुए यह बसें नए रुप में सड़कों पर दिखाई देंगे।