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विपक्ष की अग्निपरीक्षा : आज लोकसभा में पेश हो सकता है दिल्ली अध्यादेश पर विधेयक

विपक्ष की अग्निपरीक्षा : आज लोकसभा में पेश हो सकता है दिल्ली अध्यादेश पर विधेयक
, सोमवार, 31 जुलाई 2023 (08:05 IST)
नई दिल्‍ली। संसद के मानसून सत्र के दौरान आज दिल्‍ली पर अधिकारों के संबंध में राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश होने की संभावना है।

11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में दिल्‍ली सरकार को राजधानी में काम करने वाले नौकरशाहों पर पूर्ण अधिकार दिया था। कहा गया था कि पुलिस, कानून व्‍यवस्‍था और जमीन जैसे तीन विषयों को छोड़कर नौकरशाहों पर दिल्‍ली की चुनी हुई सरकार का पूर्ण अधिकार होगा। जिसके बाद केंद्र सरकार दिल्‍ली के संदर्भ में एक अध्‍यादेश लेकर आई थी। संसद में लाए जा रहे इस सर्विस बिल के माध्‍यम से केंद्र अपने अध्‍यादेश को कानूनी रूप देने का प्रयास कर रही है।

दिल्ली सेवा विधेयक को राज्यसभा में ले जाने से पहले लोकसभा में पेश किया जा सकता है, जहां विपक्ष प्रस्तावित कानून का मुकाबला करने के लिए संख्‍या बल के हिसाब से बेहतर स्थिति में है। अधिकारी ने कहा, ‘नोडल मंत्रालय ने हमें सूचित किया है कि वह लोकसभा में दिल्ली अध्यादेश को बदलने के लिए विधेयक लाना चाहते हैं। हम नए विधेयक को सदन के एजेंडे में सूचीबद्ध करने के लिए संसदीय कार्य मंत्रालय के नोटिस का इंतजार कर रहे हैं’

बिल के स्‍वरूप में कम से कम 3 महत्वपूर्ण बदलाव हैं। इसका उद्देश्य स्पष्ट रूप से 11 मई के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के प्रभाव को कम करना है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के प्रशासन पर चुनी हुई सरकार को अधिक नियंत्रण दिया था। साथ ही बिल में ट्रिब्यूनल प्रमुख की नियुक्ति के तरीके को बदलने का भी प्रस्ताव है, जिसमें अब दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल को कुछ विशेषाधिकार दिए गए हैं। हालांकि सोमवार के विधायी एजेंडे में दिल्ली सेवा विधेयक का उल्लेख नहीं है, केंद्र सरकार किसी भी समय सदन में पूर्व सूचना के बिना एक पूरक एजेंडे के माध्यम से विधेयक ला सकती है। कुछ ऐसा ही उन्‍होंने आर्टिकल-370 और 35 ए को हटाने के वक्‍त किया था।

26 विपक्षी दलों के द्वारा मिलकर बनाए गए I.N.D.I.A गठबंधन को दिल्‍ली सेवा बिल के माध्‍यम से संसद भवन में पहली कड़ी चुनौती मिलने वाली है। लोकसभा में भले ही केंद्र सरकार पूर्ण बहुमत में हो लेकिन राज्‍यसभा में उनके पास संख्‍या बल की कमी है। ऐसे में गृह मंत्री अमित शाह के लिए इस बिल को पास करा पाना इतना आसान नहीं होगा। विपक्षी दल केंद्र सरकार के समक्ष राज्‍यसभा में कड़ी चुनौती पेश करने वाले हैं।
Edited by navin rangiyal

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