इंदौर। मध्यप्रदेश में लोक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए नए प्रयोग की तैयारी चल रही है। इसके तहत प्रदेश सरकार निजी प्रैक्टिस कर रहे उन विशेषज्ञ डॉक्टरों को सरकारी अस्पतालों से जोड़ने पर विचार कर रही है, जो अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाने के लिए निःशुल्क सेवाएं देना चाहते हैं।
सूबे के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट ने यहां कहा कि हम चाहते हैं कि निजी डॉक्टरों की विशेषज्ञता का लाभ सरकारी अस्पतालों में आने वाले गरीब मरीजों को भी मिले। इसके लिए हम उन डॉक्टरों को सप्ताह में कुछ घंटों के लिए सरकारी अस्पतालों से स्वैच्छिक तौर पर जोड़ना चाहते हैं, जो या तो शासकीय सेवा से निवृत्त हो चुके हैं या निजी प्रैक्टिस कर रहे हैं। सूबे के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी दूर करने में यह योजना बेहद मददगार साबित हो सकती है। योजना को आकार देने के लिए अलग-अलग स्तरों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है।
बहरहाल, विशेषज्ञों का कहना है कि इस योजना को शुरू करने के लिए प्रदेश सरकार को पुख्ता तैयारी करनी होगी। उनके मुताबिक खासकर शहरी क्षेत्रों में इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग को उचित समन्वय बनाना होगा। इसके साथ ही योजना के लिए अलग नीति और नियम-कायदे भी तय करने होंगे। (भाषा)