Manipur violence: मणिपुर हिंसा को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा घिर गई है। कांग्रेस ने जहां उग्रवादियों को हथियार देने का आरोप लगाया है, वहीं पार्टी के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की खामोशी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने मणिपुर में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की भी मांग की है।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर उग्रवादी नेता के पत्र में के हवाले से कहा कि हिमंत बिस्वा और राम माधव ने मणिपुर चुनाव जीतने के लिए उग्रवादी संगठन की मदद ली थी। दरअसल, एक उग्रवादी नेता ने एनआईए कोर्ट में हलफनामे के साथ एक पत्र जमा किया है, जो कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को 2019 में लिखा गया था। इसमें दोनों नेताओं (राम माधव और सरमा) के साथ बैठक होने और चुनाव जीतने में मदद करने की बात कही गई है।
कांग्रेस के आरोप है कि भाजपा के दोनों नेताओं ने उग्रवादियों के साथ गुप्त बैठक की थी और इस बैठक में भाजपा और उग्रवादियों के बीच समझौता हुआ था। वहीं, कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इस पत्र के बाद भाजपा पूरी तरह एक्सपोज हो गई है। यदि यह दावा सही है तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ अक्षम्य समझौता है।
दूसरी ओर, कांग्रेस नेता डॉ. अजय कुमार ने आरोप लगाया कि मणिपुर में हिंसा के दौरान आर्मरी से हथियार लूटे नहीं गए, बल्कि पुलिस द्वारा एक तरह से दिए गए थे। उन्होंने कहा कि उग्रवादियों को 5 लाख गोलियां और हथियार दिए गए। उन्होंने मीडिया से सवाल किया कि क्या इस बारे में भाजपा से सवाल नहीं करोगे? उन्होंने कहा कि देश जल रहा, देश टूट रहा है। कुमार ने कहा कि भाजपा विधायक अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन उनसे मिलने भी कोई नहीं जा रहा है।