- 2047 तक विकसित भारत की रूपरेखा तैयार करेगा बजट
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बजट में सरकार के पिछले 10 साल के प्रदर्शन की झलक भी दिखाई देगी
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बजट में 6 आंकड़ों पर रहेगी सभी की नजर
Budget 2024-25 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट पेश करेगी, जो 2047 तक विकसित भारत की रूपरेखा तैयार करेगा। इस बजट में सरकार के पिछले 10 साल के प्रदर्शन की झलक भी दिखाई देगी। बजट में इन आंकड़ों पर खासतौर से सबकी नजर रहेगी -
राजकोषीय घाटा: इस साल फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट के मुताबिक सरकार के खर्च और आमदनी के बीच का अंतर यानी राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष में 5.8 प्रतिशत था। कर संग्रह में उछाल के कारण पूर्ण बजट में पहले से बेहतर अनुमान दिए जाने की उम्मीद है। सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
कर राजस्व: अंतरिम बजट में 2024-25 के लिए सकल कर राजस्व 38.31 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया गया था, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 11.46 प्रतिशत अधिक है। इसमें प्रत्यक्ष करों (व्यक्तिगत आयकर और कॉरपोरेट कर) से 21.99 लाख करोड़ रुपए और अप्रत्यक्ष करों (सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और जीएसटी) से 16.22 लाख करोड़ रुपए आने का अनुमान है।
जीएसटी: वित्त वर्ष 2024-25 में माल एवं सेवा कर (GST) संग्रह 11.6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 10.68 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष के अंतिम बजट में कर राजस्व के आंकड़ों पर नजर रखनी होगी।
कर्ज: अंतरिम बजट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में सरकार का सकल उधार बजट 14.13 लाख करोड़ रुपए था। सरकार अपने राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए बाजार से कर्ज लेती है। बाजार की नजर उधारी के आंकड़ों पर रहेगी।
लाभांश: अंतरिम बजट में आरबीआई और वित्तीय संस्थानों से 1.02 लाख करोड़ रुपए का लाभांश मिलने का अनुमान है। इसे बढ़ाया जाएगा, क्योंकि आरबीआई ने मई में पहले ही 2.11 लाख करोड़ रुपए का अधिशेष हस्तांतरित कर दिया है। साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से 43,000 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है।
Edited by : Nrapnedra Gupta