कानपुर। आईआईटी कानपुर ने रैगिंग के खिलाफ बेहद कड़ा कदम उठाते हुए 22 दोषी छात्रों निलंबित कर दिया गया है। सितंबर में सामने आए इस मामले के बाद संस्थान की सीनेट (सर्वोच्च अकादमिक बॉडी) ने दोषियों को अपना पक्ष रखने के लिए एक मौका भी दिया था।
आईआईटी के उप निदेशक मणींद्र अग्रवाल ने मंगलवार को बताया कि 16 छात्र 3 साल और बाकी 6 छात्र 1 साल के लिए निलंबित किए गए हैं। इस अवधि के बाद वे संस्थान में दोबारा पढ़ाई कर सकेंगे। सितंबर में सामने आए इस मामले के बाद संस्थान की सीनेट (सर्वोच्च अकादमिक बॉडी) ने दोषियों को अपना पक्ष रखने के लिए एक मौका भी दिया था।
गत 19 व 20 अगस्त की रात को द्वितीय वर्ष के छात्रों द्वारा संस्थान के छात्रावास में नए छात्रों के साथ रैगिंग का मामला सामने आया था। आईआईटी प्रशासन ने जांच के लिए एक समिति बनाई थी। समिति ने 22 सीनियर्स को रैगिंग का दोषी माना था।
सोमवार को उन्हें अपना पक्ष रखने का एक मौका दिया गया। सुनवाई पूरी होने के बाद रैगिंग के मुख्य आरोपी 16 छात्रों को तीन साल के लिए निलंबित कर दिया गया। बचे हुए दोषी 6 छात्र एक साल तक निलंबित रहेंगे। (भाषा)