पटना। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा पटना में जलभराव से निपटने में 'अक्षमता' को लेकर नीतीश कुमार सरकार पर हमले के बाद बिहार में भाजपा और जद (यू) में तनातनी पैदा हो गई है। सिंह ने कहा था कि 'जब ताली सरदार को, तो गाली भी सरदार को'।
पिछले हफ्ते भारी बारिश के बाद राजधानी पटना के कई इलाकों में पानी भरने को लेकर उन्होंने यह टिप्पणी शुक्रवार को दरभंगा में की थी। सिंह के नए हमले के बाद कुमार की अगुवाई वाले जद (यू) ने सिंह और उनकी पार्टी पर पलटवार किया।
जद (यू) प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि वे (गिरिराज सिंह) नीतीश कुमार के पैरों की धूल के बराबर भी नहीं हैं। कोई भी जब-तब सिर्फ महादेव का नाम जप कर नेता नहीं बन जाता है। सिंह अपने भाषणों में अक्सर भगवान शिव का नाम लेते हैं।
जद (यू) के एक अन्य प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि पटना में संकट के लिए भाजपा कहीं ज्यादा जिम्मेदार है। जद (यू)-भाजपा गठबंधन जब से राज्य में शासन कर रहा है, तब से शहरी विकास विभाग हमारे गठबंधन सहयोगी के पास है। पटना के मेयर भाजपा के हैं और जिले की 2 लोकसभा सीटों का प्रतिनिधित्व भी भाजपा के नेता करते हैं। शहर के सभी विधानसभा क्षेत्र 1990 के दशक से ही भाजपा का गढ़ हैं।
जद (यू) के महासचिव केसी त्यागी ने दिल्ली में अपना गुबार निकालते कहा कि गिरिराज सिंह आदतन अपराधी हैं। वे (विधानसभा में विपक्ष के नेता) तेजस्वी यादव से ज्यादा हमारे गठबंधन को नुकसान पहुंचा रहे हैं। त्यागी ने कहा कि अतीत में भी ऐसे मौके आए जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने गिरिराज सिंह को उनकी टिप्पणियों के लिए फटकार लगाई। उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि भाजपा नेतृत्व उन पर लगाम क्यों नहीं कस पा रहा है।
राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा कि ऐसे मौके कम ही आते हैं, जब हमारे विचार गिरिराज सिंह जैसे ध्रुवीकरण वाले भाजपा नेता से मिलते हों। वे पटना आपदा के लिए बिहार में राजग सरकार को दोष देने में वह पूरी तरह से सही हैं।
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि गिरिराज सिंह जो कह रहे हैं, उसका बिल्कुल मतलब बनता है। इस बीच, भाजपा सांसद राम कृपाल यादव ने भी बिहार सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि ऐसी व्यवस्था लागू की गई है जिसमें नौकरशाही नियंत्रण से बाहर हो गई है, वहीं प्रदेश भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने नुकसान की भरपाई की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि जब मामला हमारे घर का है तो किसी को भी मीडिया में क्यों जाना चाहिए। यह जरूर है कि कुछ नेता बाढ़ के दौरान लोगों की समस्याओं का निदान करने के लिए दबाव में थे। लेकिन मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री अथक परिश्रम कर रहे हैं।