Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

2 लाख सुरक्षाकर्मियों के साये में अमरनाथ यात्रा, बाबा बर्फानी के पहले दर्शन 29 जून को

2 लाख सुरक्षाकर्मियों के साये में अमरनाथ यात्रा, बाबा बर्फानी के पहले दर्शन 29 जून को

सुरेश एस डुग्गर

, गुरुवार, 27 जून 2024 (10:38 IST)
  • जम्मू से 28 जूून को रवाना होगा पहला जत्था
  • 135 से अधिक लंगर, सैंकड़ों ड्रोन भी सेवा में
  • रोज 15 हजार यात्री करेंगे बाबा बर्फानी के दर्शन
amarnath yatra : 28 जून की सुबह जम्मू से पहला जत्था बाबा अमरनाथ की पवित्र यात्रा के लिए रवाना होगा। अगर मौसम ने साथ दिया तो 29 जून की शाम को ही पहले जत्थे के श्रद्धालु 14500 फुट की ऊंचाई पर बनने वाले हिमलिंग के प्रथम दर्शन करेंगे।
 
यात्रा में शामिल होने जा रहे लाखों श्रद्धालुओं की सेवा के लिए लखनपुर से लेकर पवित्र गुफा तक 135 से अधिक लंगरों की व्यवस्था स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा की गई है। यही नहीं सेना समेत 2 लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी करीब 52 दिनों तक लखनपुर से लेकर गुफा तक श्रद्धालुओं की सेवा में लगे रहेंगे।
 
प्रतिदिन 15 हजार श्रद्धालुओं को पहलगाम तथा बालटाल के रास्ते यात्रा में शामिल होने की अनुमति दी गई है। अभी तक करीब तीन लाख श्रद्धालुओं ने अपना पंजीकरण विभिन्न माध्यमों से करवाया है जबकि 26 जून से आन स्पाट पंजीकरण की आरंभ हो चुका है। यात्रा का मुख्य बेस कैंप जम्मू के यात्री भवन में बनाया गया है जहां पिछले कई दिनों से चल रही तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है।
 
webdunia
जम्मू से लेकर बालटाल तथा पहलगाम तक के यात्रा मार्ग की सुरक्षा को केरिपुब के हवाले किया जा चुका है। पहलगाम से गुफा तथा बालटाल से गुफा तक के रास्तों पर सेना और बीएसएफ भी स्थानीय पुलिस का साथ दे रही है। जबकि गुफा के बाहर इस बार सुरक्षा का जिम्मा आईटीबीपी के हवाले है।
 
अनुमानतः 2 लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी यात्रा के मोर्चे पर तैनात किए जा चुके हैं। यही नहीं प्रदेश के सभी कर्मचारी और अधिकारी तक का ध्यान अब अमरनाथ यात्रा के प्रति ही इसलिए है क्योंकि यह अब धार्मिक से राष्ट्रीय यात्रा का रूप धारण कर चुकी है जिस कारण आतंकी नजरें भी इस पर टिकी हुई हैं।
 
अनुमानित आने वाले करीब 8 से 10 लाख श्रद्धालुओं के लिए 135 से अधिक लंगरों की स्थापना के साथ-साथ ठहरने की व्यवस्थाओं का इंतजाम पूरा हो चुका था। स्वास्थ्य सेवाएं हाई अलर्ट पर कर दी गई थीं क्योंकि पिछले कई सालों से यात्रा में शामिल होने वालों में 100 के करीब प्रतिवर्ष हृदयगति रूकने से मौत के मुंह में जा रहे हैं।
 
इतना जरूर था कि आतंकियों से निपटने की तैयारियों में कहीं ढील नहीं थी। इसकी पुष्टि वे सुरक्षाधिकारी कर रहे हैं जिनके जिम्मे अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा का भार है। केंद्र की ओर से अतिरिक्त सुरक्षाबलों को अमरनाथ यात्रा मार्ग, गुफा के आसपास के इलाकों और यात्रियों की सुरक्षा की खातिर आधार शिविरों व राजमार्ग पर तैनात किया जा चुका है।
 
अंदाजन दो लाख सुरक्षाकर्मियों को अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए तैनात कर दिया गया है। इसमें वे सैनिक शामिल नहीं हैं जो रूटीन में आतंकवादग्रस्त क्षेत्रों में अपने आतंकवाद विरोधी अभियान चलाते रहते हैं। सैंकड़ों की तादाद में ड्रोन और मुश्की कत्ते भी श्रद्धालुओं की सेवा में लगाए जा चुके हैं। आतंकी खतरे को देखते हुए अब सभी राजमार्गों पर स्थानीय लोगों के लिए सुबह कई घंटों की रोडबंदी भी घोषित की जा चुकी है।
 
अधिकारियों के मुताबिक, आतंकवादियों और उनकी हरकतों पर नजर रखने के लिए वायुसेना की भी मदद मांगी गई है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि अमरनाथ यात्रा पहाड़ों से हो कर गुजरती है और पहाड़ों के चप्पे चप्पे पर सैनिकों को तैनात नहीं किया जा सकता। इसी प्रकार राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी अमरनाथ यात्रा के जत्थों की सुरक्षा के लिए वायुसेना के लड़ाकू हेलिकाप्टरों को भी तैनात किया गया है।
Edited by : Nrapendra Gupta 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स ऑलटाइम हाई पहुंचने के बाद लुढ़का, निफ्टी भी फिसला