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मध्यप्रदेश में BJP कराएगी नेताओं की सोशल मीडिया रेटिंग, फॉलोअर्स के आधार पर तय होंगे टिकट!

मध्यप्रदेश में BJP कराएगी नेताओं की सोशल मीडिया रेटिंग, फॉलोअर्स के आधार पर तय होंगे टिकट!
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विकास सिंह

, गुरुवार, 4 मई 2023 (10:00 IST)
Bhopal Political News:मध्यप्रदेश में चुनावी साल में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा (Madhya Pradesh BJP) अब अपने नेताओं की सोशल मीडिया (social media) रेंटिग करने जा रही है। चुनावी साल में नेताओं की रेटिंग करने का मकसद पार्टी के विधायकों और टिकट के दावेदार नेताओं की सोशल मीडिया पर सक्रियता का पता लगाना है। रेंटिग के जरिए पार्टी इस बात का आकलन करेगी कि पार्टी के नेता और विधायक केंद्र और राज्य सरकार की जनहित से जुड़ी योजनाओं को सोशल मीडिया के जरिए कितना प्रचारित प्रसारित कर रहे हैं और आम जनता तक योजनाओं को कितना पहुंचा रहे हैं। चुनाव में टिकट बंटवारे में सोशल मीडिया की रेंटिग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
 
सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स बढ़ाने के निर्देश-चुनावी साल में पार्टी इस बात से चिंतित है कि बहुत से विधायक और मंत्री सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं है और न ही केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को प्रभावी तरीके से जनता के बीच लेकर जा रहे हैं। पिछले दिनों भाजपा के प्रदेश कार्यालय में पार्टी के विधायकों और सांसदों को संबोधित करते हुए पार्टी के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने दो टूक शब्दों में कहा कि सोशल मीडिया पर ध्यान देना होगा और फॉलोवर्स की संख्या बढ़ानी होगी।

बैठक में फालोवर्स की संख्या बढ़ाने के साथ पार्टी विधायकों को अपने रूटीन कार्यक्रम सोशल मीडिया पर पोस्ट करने को कहा गया है जिससे लोगों को जनप्रतिनिधियों के दौरे की जानकारी हो। पार्टी संगठन की तरफ से विधायकों को दो टूक संदेश देते हुए कहा गया कि अगर विधायकों और सांसदों को क्षेत्र की जनता सोशल मीडिया पर नहीं देखती तो सोशल मीडिया के दौर में यह उस जनप्रतिनिधि की सबड़े बड़ी कमजोरी है।

बैठक में भाजपा के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने पार्टी सांसदों और विधायकों को कहा कि फेसबुक, इंस्टाग्राम,ट्विटर पर फॉलोअर्स बढ़ाए। सोशल मीडिया पर प्लेटफॉर्म पर एक लाख फॉलोअर्स होना चाहिए, इसके जरिए ही टिकट तय होंगे।

सोशल मीडिया पर फोकस क्यों?-चुनाव में सोशल मीडिया की नैरेटिव बनाने और बिगाड़ने में अहम भूमिका होती है और यहीं  कारण है कि चुनावी साल में भाजपा का पूरा फोकस सोशल मीडिया पर हो गया है। दरअसल  विधानसभा चुनाव में सियासी लड़ाई सड़क के साथ-शात सोशल मीडिया पर भी लड़ी जाएगी।

चुनावों से पहले भाजपा सोशल मीडिया के प्लेटफार्म फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब के जरिए लोगों तक केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को पहुंचाने के साथ उन्हें पार्टी जोड़ना चाहती है। चुनावी साल में पार्टी सोशल मीडिया के जरिए युवा वोटर्स को लुभाने के लिए बड़ी रणनीति तैयार कर रही है।

मध्यप्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्री हितानंद कहते हैं कि भाजपा के पास टेलीग्राम से लेकर इंस्टाग्राम तक उपयोग करने वाले कार्यकर्ताओं की एक श्रृंखला है। हमारे बूथ अब डिजिटल हो चुके है। सोशल मीडिया के माध्यम से समाज के हर वर्ग के लोगों से संपर्क कर सरकार के किए गए कार्यों को बताना है और पार्टी की विचारधारा से जोड़ना है।

सोशल मीडिया पर चिंता क्यों?–चुनावी साल में सोशल मीडिया पर विधायकों की निष्क्रियता  पार्टी के लिए बड़ी चिता है। अगर भाजपा विधायकों की सोशल मीडिया प्रोफाइल को खंगला जाए तो पार्टी के करीब 50 फीसदी विधायक सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं है। विधायकों के साथ सरकार में शामिल कई मंत्री भी सोशल मीडिया पर प्रभावी नजर नहीं आते है। सोशल मीडिया पर फॉलोवर्स के मामले में प्रदेश सरकार के वन मंत्री विजय शाह, जनजाति कार्यमंत्री मीना सिंह,राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया,सुरेश धाकड और बृजेंद्र सिंहं यादव फिसड्डी नजर आते है।

वहीं सरकार के कुछ मंत्रियों के साथ पार्टी के अधिकांश विधायक पार्टी संगठन के निर्देशों को दरकिनार कर सोशल मीडिया में कोई रूचि नहीं ले रहे है, जबकि पार्टी आलाकमान लगातार सोशल मीडिया पर फोकस करने की ताकीद कर रहा है। 

वहीं सोशल मीडिया पर सक्रियता के मामले में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले पायदान पर है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के फेसबुक पर 50 लाख और ट्विटर पर करीब 90 लाख फॉलोअर्स हैं। वहीं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के ट्विटर पर 6 लाख 97 हजार फालोवर्स हैं,वहीं फेसबुक पर 181000 फॉलोअर्स है। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा  के ट्विटर पर 4 लाख 35 हजार और फेसबुक पर 4 लाख 60 फॉलोअर्स है।

पीएम मोदी का मंत्र- भाजपा की स्थापना दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया में सक्रियता का मंत्र दिया था। उन्होंने कहा था कि ''टेक्नोलॉजी का दौर है और पार्टी को टेक्नोलॉजी के साथ भी जोड़ना होगा। सोशल मीडिया के नए तौर-तरीके- रील्स,यूट्यूब, फेसबुक-ट्विटर के दौर में युवाओं से जुड़ना होगा. इसके लिए पार्टी में टेक्नोलॉजी सेल बना सकते हैं।''

बूथ विजय संकल्प अभियान का आगाज-चुनावी साल में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा आज से (4 मई) से 14 मई तक बूथ विजय संकल्प अभियान शुरु कर रही है। जिसके तहत पार्टी हर बूथ पर बूथ प्रभारी से लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को विस्तार से बताने के साथ 52 प्रतिशत वोट शेयर हासिल करने के लिए रणनीति के साथ विस्तृत कार्यक्रम बनाने के निर्देश दिए है। मध्यप्रदेश में बूथ को डिजिटल करने के बाद अब भाजपा बूथ विजय संकल्प अभियान के जरिए बूथों पर कार्यकर्ताओं का एक कलस्टर तैयार करने जा रही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि प्रदेश के 78 प्रतिशत स्थानों पर पन्ना प्रमुख, अर्ध पन्ना प्रमुख बन चुके है और अब बूथ विजय संकल्प अभियान के तहत 4 से 14 मई के बीच प्रदेश के 6  हजार स्थानों पर प्रत्येक 10 बूथ का एक कलस्टर बनाकर कार्यक्रम करेगी।

बूथ विजय संकल्प अभियान के तहत बूथ समिति के सदस्यों को सक्रिय बनाए रखने के लिए पार्टी के 22 बिंदुओं पर निर्धारित कार्य को पूरा करने की जिम्मेदारी कार्यकर्ताओं को सौंपी गई है। अभियान के दौरान केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं से समाज में आए परिवर्तन पर विस्तार से चर्चा होगी। कार्यकर्ताओं के लिए वैचारिक सत्र के साथ कबड्डी, सितोलिया,रस्सा खींच, खो-खो, रस्सी कूद सहित स्थानीय खेलों का आयोजन भी होगा। इस अभियान से पार्टी की कोशिश 51 प्रतिशत वोट शेयर के लक्ष्य को हासिल करना है।

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