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Amit Shah Profile: राजनीति की बिसात के माहिर खिलाड़ी अमित शाह

Amit Shah Profile: राजनीति की बिसात के माहिर खिलाड़ी अमित शाह
, शनिवार, 22 अक्टूबर 2022 (00:04 IST)
Amit Shah Birthday: केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह का मोदी सरकार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाद दूसरा स्थान है। वे मंत्री होने के बावजूद संगठन में भी प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से अहम भूमिका निभाते हैं। पीएम मोदी के साथ उनकी जुगलबंदी उस समय से है, जब मोदी गुजरात के मुख्‍यमंत्री भी नहीं बने थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत में शाह ने अहम भूमिका निभाई थी। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का श्रेय भी अमित शाह को ही दिया जाता है। किसी समय शतरंज के अच्छे खिलाड़ी रहे शाह को राजनीति की बिसात का भी माहिर खिलाड़ी माना जाता है। 
 
प्रारंभिक जीवन : अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई में हुआ। उनके पिता का नाम अनिल चंद्र शाह है, वे गुजराती वैष्णव परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिताजी के दादाजी मान्सा के नगर सेठ हुआ करते थे। सोलह वर्ष की आयु तक वे अपने पैतृक गांव मान्सा में ही रहे और वहीं स्कूली शिक्षा प्राप्त की। स्कूली शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात उनका परिवार अहमदाबाद चला गया। अमित शाह की पत्नी का नाम सोनल शाह और एकमात्र पुत्र का नाम जय शाह है। जय वर्तमान में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सचिव हैं। 
 
राजनीतिक जीवन : अमित शाह ने स्कूली शिक्षा पूर्ण कर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में शामिल होने के बाद 1983 में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (अभाविप) से जुड़ गए। वे 1984-85 में भाजपा के सदस्य बने। पहली बार उन्हें अहमदाबाद के नारायणपुर वार्ड में पोल एजेंट का जिम्मा सौंपा गया। तत्पश्चात उन्हें उसी वार्ड का सचिव बनाया गया।
 
1989 के लोकसभा चुनाव में अमित शाह को गांधीनगर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के चुनाव प्रबंधन का जिम्मा सौंपा गया। अमित शाह आडवाणी के लिए 2009 के लोकसभा चुनावों तक चुनावी रणनीति तैयार करते रहे। इतना ही नहीं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जब गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े तो अमित शाह उनके भी चुनाव प्रभारी बने और उस चुनाव में अटल जी जिताने में अहम भूमिका निभाई। बाद में 2019 में इसी सीट से सांसद भी बने। 2017 में उन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया। 
 
1990 के दौरान भाजपा राज्य में कांग्रेस के सामने मुख्य एवं एकमात्र विपक्षी पार्टी बनकर उभरी। उस दौरान शाह ने नरेन्द्र मोदी (तत्कालीन गुजरात भाजपा संगठन सचिव) के मार्गदर्शन में गुजरात में पार्टी के प्राथमिक सदस्यों के दस्तावेजीकरण के अति महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम दिया। गुजरात में भाजपा 1995 में सत्ता में आई, लेकिन यह सफलता अल्पकालिक ही रही। 1997 में भाजपा की सरकार गिर गई, किन्तु उस अल्पावधि में ही अमित शाह ने गुजरात प्रदेश वित्त निगम के अध्यक्ष के रूप में निगम का कायापलट कर दिया।
 
पहला चुनाव : 1997 भाजपा की सरकार गिरने के बाद उपचुनाव में पहली बार अमित शाह पहली बार सरखेज से विधानसभा चुनाव लड़े और करीब 25000 मतों के अंतर से सीट जीतने में सफल रहे। 1998 में उन्होंने इसी सीट पर 1 लाख 30 हजार मतों से जीत हासिल की। अमित शाह को 2001 में भाजपा के सहकारिता प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय संयोजक बनाया गया। वर्ष 2002 में विधानसभा चुनावों शाह ने सरखेज से लगातार तीसरी बार चुनाव जीता। वर्ष 2007 में भी जीत का सिलसिला जारी रहा। 
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राजनीति से इतर 2006 में वे गुजरात स्टेट शतरंज एसोसिएशन के चेयरमैन बने। उन्होंने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अहमदाबाद के सरकारी स्कूलों में शतरंज को शामिल भी करवाया। वे स्वयं भी अच्छा शतरंज खेलते थे। वर्ष 2007 में जब नरेन्द्र मोदी गुजरात स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के चेयरमैन बने तब अमित शाह वाइस चेयरमैन बने। अमित शाह अहमदाबाद सेंट्रल बोर्ड ऑफ क्रिकेट के चेयरमैन भी रहे।  
 
अमित शाह से जुड़े विवाद : 
  • राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह के साथ विवाद भी काफी जुड़े। 2005 में उन पर फर्जी एनकाउंटर का भी आरोप लगा। दरअसल, 2005 में गुजरात में हुए एक एनकाउंटर में तीन लोगों को आतंकवादी बताते हुए मार दिया गया था। इस एकाउंटर के पीछे अमित शाह का हाथ बताया गया था। 
  • शाह को 2010 में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था। इन पर हत्या और वसूली के आरोप भी लगे थे। इतना ही नहीं कोर्ट के आदेश से इन्हें राज्य बदर किया गया था और इनके राज्य में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई थी। ये रोक साल 2012 में हटाई गई। 
  • शाह पर 2002 के गुजरात दंगों के सबूत नष्ट करने के आरोप भी लगे। शाह पर ये भी आरोप लगा कि उन्होंने इस केस के गवाहों को बयान बदलने के लिए मजबूर किया। 
  • 2009 में शाह पर एक महिला का जासूसी का आरोप भी लगा। हालांकि शाह ने इन सभी आरोपों को गलत बताया था। 

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