औरंगाबाद (महाराष्ट्र)। एआईएमआईएम (AIMIM) सांसद इम्तियाज जलील को बुधवार को यहां पुलिस ने उस समय कुछ समय के लिए हिरासत में ले लिया जब वे कोविड-19 पाबंदियों का उल्लंघन करते हुए एक मस्जिद में नमाज अदा करने जा रहे थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के स्थानीय सांसद एवं पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष ने पिछले हफ्ते कहा था कि अगर राज्य सरकार सभी धार्मिक स्थलों को फिर से नहीं खोलती है तो वे मस्जिद में नमाज अदा करेंगे। कोरोनावायरस महामारी के कारण धार्मिक स्थल बंद हैं।
अधिकारी ने बताया कि जलील को उस समय हिरासत में लिया गया जब वे शाहगंज मस्जिद जा रहे थे। उन्हें शहर के पुलिस आयुक्त के कार्यालय ले जाया गया। जलील ने कहा कि यदि राज्य सरकार सभी धार्मिक स्थानों को खोलने में विफल रहती है तो राज्यभर में इस तरह के आंदोलन होंगे।
शहर के पुलिस आयुक्त चिरंजीव प्रसाद ने कहा कि जलील को उनके कार्यालय के पास हिरासत में लिया गया। उन्होंने कहा कि हमने जलील को राज्य सरकार द्वारा जारी नए दिशा-निर्देशों से अवगत कराया है। भविष्य में जरूरत पड़ने पर हम कार्रवाई करेंगे।
एक वीडियो में जलील अपने कार्यालय से समर्थकों के एक छोटे समूह के साथ शाहगंज की ओर जाते हुए दिख रहे हैं। जब वे रास्ते में फजलपुरा क्षेत्र पहुंचे तो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया।
वीडियो में जलील पुलिस अधिकारियों को यह समझाते दिख रहे हैं कि वे 10 मिनट नमाज अदा करेंगे और उनके साथ 25 से कम लोग हैं। उसके बाद उन्हें पुलिस के वाहन में बैठने के लिए कहा गया और पुलिस आयुक्त कार्यालय ले जाया गया। उन्हें बाद में जाने दिया गया।
शहर में यहां शिवसेना और एआईएमआईएम के कार्यकर्ता उस समय आमने-सामने आ गए जब जलील ने घोषणा की कि वे खड़केश्वर मंदिर जाएंगे और अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर मंदिर खोलने की मांग करेंगे। पुलिस ने कहा था कि हालांकि प्रशासन के अनुरोध के बाद जलील वहां नहीं गए।
इस बीच शिवसेना ने बुधवार को जलील पर आरोप लगाया कि वे एआईएमआईएम के उन मतदाताओं को वापस लाने के लिए ‘राजनीतिक स्टंट’ कर रहे हैं जो ‘कांग्रेस और राकांपा की ओर जा रहे हैं।’
शिवसेना के जिला अध्यक्ष एवं एमएलसी अंबादास दानवे ने कहा कि जलील महामारी के दौरान लोगों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का प्रयास कर रहे हैं।
दानवे ने कहा कि एआईएमआईएम के मतदाता कांग्रेस और राकांपा की ओर जा रहे हैं। उन्हें रोकने के लिए जलील ने आज यह स्टंट किया। हालांकि यहां मुस्लिम भी उनसे खुश नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते उन्हें अधिक जिम्मेदार होना चाहिए और सरकारी नियमों का पालन करना चाहिए। गत सोमवार को वंचित बहुजन अघाडी (वीबीए) प्रमुख प्रकाश आंबेडकर एवं वरकारी (श्रद्धालु) समूहों ने भगवान विठ्ठल के प्रसिद्ध मंदिर को खोलने को लेकर सोलापुर जिले के पंढरपुर नगर में एक बड़ा प्रदर्शन किया। (भाषा)