नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियानों के दौरान सशस्त्र बलों द्वारा की गई किसी भी कार्रवाई को आधार बनाकर चुनाव प्रचार नहीं करने को कहा है।
इस नए परामर्श से कुछ दिन पहले चुनाव आयोग ने पार्टियों एवं उनके उम्मीदवारों से सुरक्षा कर्मियों की तस्वीरों का इस्तेमाल चुनाव प्रचार में नहीं करने को कहा था।
मंगलवार को जारी इस परामर्श में पार्टियों एवं उनके उम्मीदवारों को रक्षा बलों से संबंधित किसी भी गतिविधि का इस्तेमाल राजनीतिक प्रचार के लिए नहीं करने को कहा गया है।
प्रार्थना स्थलों को प्रचार-प्रसार के लिए प्रयोग न करें : चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों एवं धार्मिक नेताओं से लोकसभा चुनावों के दौरान प्रचार-प्रसार के लिए प्रार्थना स्थलों का प्रयोग नहीं करने को कहा है। साथ ही आयोग ने ऐसी गतिविधियों में लिप्त नहीं होने को कहा है जिससे विभिन्न जातियों एवं समुदायों में तनाव पैदा हो। चुनाव आयोग के ये निर्देश भाजपा के कुछ दिन पहले किए गए उस अनुरोध पर आए हैं जिसमें पार्टी ने मस्जिदों पर विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त करने की बात कही थी ताकि चुनावों के दौरान धार्मिक आधार पर मतदाताओं का ध्रुवीकरण न हो सके।
बिना अनुमति विज्ञापन जारी करने पर रोक : निर्वाचन आयोग ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान केबल आपरेटर बिना अनुमति के विज्ञापन जारी नहीं कर सकेंगे। निवार्चन आयोग ने बताया है कि केबल टेलीविजन नेटवर्क अधिनियम 1995 का सभी स्थानीय केबल ऑपरेटर्स को पालन करना अनिवार्य है। केबल ऑपरेटर बिना जिला मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति (एमसीएमसी) की अनुमति के चुनाव के दौरान कोई भी राजनैतिक विज्ञापन जारी नहीं कर सकेंगे।