एक बार फिर से नरेंद्र मोदी ने सभी अनुमानों-कयासों को झुठलाते हुए दक्षिण भारत में भाजपा का विजयी शंखनाद कर दिया है। 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले सेमीफाइनल में भाजपा कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी बनती दिख रही है।
दक्षिण भारत में भाजपा यदि जीती तो यह जीत दक्षिण भारत में जहां एक नई शुरुआत होगी तो कांग्रेस के लिए ये अब अस्तित्व की लड़ाई बन चुकी है। इस समय पूरे भारत में लगभग 65 प्रतिशत राज्यों में भाजपा की सरकार है। गुजरात की 'मीठी हार' से खुश राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद यह पहली करारी हार सिद्ध हो सकती है।
यदि कांग्रेस कर्नाटक चुनाव हार जाती है तो केवल पंजाब, मिजोरम और पुडुचेरी में ही उसकी सरकार रह जाएगी। वहीं, वर्तमान स्थिति में भाजपा 29 राज्यों में से 20 में सत्ता में है और यदि कर्नाटक में जीत मिली तो 21वें राज्य में सरकार गठन करने जा रही है।
वैसे एंटी इनकम्बेंसी (सत्ता विरोधी लहर) का अंदेशा तभी हो गया था जब इस बार सबसे ज्यादा 72.13% वोटिंग हुई। उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी 2008 (65.1%) के मुकाबले 2013 (71.45%) में करीब 6% वोटिंग ज्यादा हुई थी। तब सरकार बदल गई थी और भाजपा ने पहली बार राज्य में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई थी।
इस चुनाव में मोदी ने 21 रैलियां की और लगभग 115 सीटों पर इसका सकारात्मक प्रभाव दिख रहा है वहीं राहुल गांधी ने 14 रैलियां की जिसमें से सभी सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार पिछड़ गए। (वेबदुनिया इलेक्शन डेस्क)