अगर आप किसी भी टीनएजर से उनकी मनपसंद हॉबी पूछिए तो वे सोने को जरूर सम्मिलित करेंगे। लेकिन जब यह नींद हद से ज्यादा आने लगे तो यह समस्या बन जाती है। एक ऐसा ही वाकया सामने आ रहा है यूरोप से, यहां एक लड़की दिन में एक या दो बार नहीं बल्कि 40 बार सोती है।
हालांकि वह अपनी मर्जी से नहीं बल्कि एक दवा से साइड इफेक्ट के चलते सोती है। इस लड़की का नाम लुसी है और वह बताती है कि वह बैठे-बैठे गिर जाती है। वह किसी से बात करते-करते भी सो जाती है। वह अपनी इस हालत से बहुत परेशान हो चुकी है और वह चाहती है कि वह एक बार फिर से कॉलेज जाए और पढ़ाई करे। लेकिन वह इस बीमारी के चलते पढ़ लिख नहीं पाती।
कैसे हुआ यह? : लुसी को 6 साल पहले स्वाइन फ्लू हुआ था। जिसके बाद सरकार ने वैक्सिन पैंडरामिक्स सबको वितरित करवाई थी। जिन-जिन लोगों ने इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया उन्हें दिमाग संबंधी तकलीफ होने लगी। लुसी के अतिरिक्त करीब 80 लोग इस तकलीफ से जूझ रहे हैं। हालांकि सरकार ने मान लिया है कि इस तरह के दिमागी झटकों के लिए वैक्सिन पैंडरामिक्स ही जिम्मेदार है।
लोग सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। लुसी भी उनमें से एक हैं जो सरकार से मुआवजे की मांग कर रही हैं। दो साल पहले सरकार ने लुसी को बताया कि उसकी हालत बहुत ज्यादा खराब नहीं है इसलिए उसे मुआवजा नहीं दिया जाएगा।
गौरतलब है कि एक ऐसे ही मामले में सरकार 12 लड़कों को 120,000 पाउंड मुआवजे के रूप में दे चुकी है। लुसी कहती हैं कि जब कोई इस तरह की वैक्सीन के इस्तेमाल से बीमार होता है तो सरकार को इसके लिए उनकी मदद करनी चाहिए।
वह बताती है कि पिछले दो साल बड़े मुश्किल रहे, मुझे पढ़ने का बड़ा शौक है लेकिन इस बीमारी के कारण मैं और नहीं पढ़ पाती।
लुसी समेत 6 मिलियन लोगों को 2009 और 2010 में यह वैक्सीन वितरित की गई थी, जिसमें से 80 लोग नींद संबंधी परेशानी से जूझ रहे हैं।(Photo courtesy : Dailymail)