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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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श्रावण पुत्रदा एकादशी कब है? जानें तिथि, महत्व, शुभ मुहूर्त और पारण समय

श्रावण पुत्रदा एकादशी कब है? जानें तिथि, महत्व, शुभ मुहूर्त और पारण समय
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी इस बार, बुधवार, 18 अगस्त 2021 मनाई जाएगी। यह व्रत संतान की समस्याओं के निवारण हेतु किया जाता है। यदि आप स्वस्थ हैं और उपवास करने में सक्षम हैं तो निर्जला व्रत रखें अन्यथा फलाहारी व्रत रखकर विधिवत पूजन संपन्न होने के बाद समय पर इसका पारण करें।
 
इस चर और अचर संसार में पुत्रदा एकादशी के व्रत के समान दूसरा कोई व्रत नहीं है। जिन व्यक्तियों को संतान होने में बाधाएं आती हैं या जिन्हें पुत्र प्राप्ति की कामना हो उन्हें पुत्रदा एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए।
इस व्रत के नाम के अनुसार ही इसका फल है। यह व्रत बहुत ही शुभ फलदायक होता है इसलिए संतान प्राप्ति के इच्छुक भक्तों को यह व्रत अवश्य रखना चाहिए जिससे कि उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सके। 
 
इस दिन क्या करें-
 
* जो भक्त एकादशी का व्रत करता है उसे एक दिन पहले ही अर्थात दशमी तिथि की रात्रि से ही व्रत के नियमों का पूर्ण रूप से पालन करना चाहिए। दशमी के दिन शाम में सूर्यास्त के बाद भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए और रात्रि में भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए सोना चाहिए।
 
* सुबह सूर्योदय से पहले उठकर नित्य क्रिया से निवृत्त होकर स्नान करके शुद्ध व स्वच्छ धुले हुए वस्त्र धारण करके श्रीहरि विष्‍णु का ध्यान करना चाहिए।
 
* अगर आपके पास गंगाजल है तो पानी में गंगा जल डालकर नहाना चाहिए।
 
* इस पूजा के लिए श्रीहरि विष्णु की फोटो के सामने दीप जलाकर व्रत का संकल्प लेने के बाद
कलश की स्थापना करनी चाहिए।
 
* फिर कलश को लाल वस्त्र से बांधकर उसकी पूजा करें।
 
* भगवान श्रीहरि विष्णु की प्रतिमा रखकर उसे स्नानादि से शुद्ध करके नया वस्त्र पहनाएं।
 
* तत्पश्चात धूप-दीप आदि से विधिवत भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा-अर्चना तथा आरती करें तथा नैवेद्य और फलों का भोग लगाकर प्रसाद वितरण करें।
 
* श्रीहरि विष्णु को अपने सामर्थ्य के अनुसार फल-फूल, नारियल, पान, सुपारी, लौंग, बेर, आंवला आदि अर्पित किए जाते हैं।
 
* एकादशी की रात में भगवान का भजन-कीर्तन करना चाहिए।
 
* पूरे दिन निराहार रहकर संध्या समय में कथा आदि सुनने के पश्चात फलाहार किया जाता है।
 
* दूसरे दिन ब्राह्मणों को भोजन तथा दान-दक्षिणा अवश्य देनी चाहिए, उसके बाद खाना खाना चाहिए।
 
* इस दिन दीपदान करने का बहुत महत्व है। इस व्रत के पुण्य से मनुष्य तपस्वी, विद्वान, पुत्रवान और लक्ष्मीवान होता है तथा सभी सुखों को भोगता है।
 
श्रावण पुत्रदा एकादशी पूजन मुहूर्त-
 
श्रावण शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी तिथि आरंभ: 18 अगस्त 2021, बुधवार को तड़के 03:20 मिनट से शुरू होकर 19 अगस्त 2021, गुरुवार को देर रात  01:05 पर एकादशी तिथि समाप्त होगी। इसके चलते पुत्रदा एकादशी व्रत 18 अगस्त को रखा जाएगा। श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण 19 अगस्त को किया जाएगा। 


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