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परमाणु धमाके में 5 वैज्ञानिकों की मौत के बाद रूस पर उठे गंभीर सवाल

परमाणु धमाके में 5 वैज्ञानिकों की मौत के बाद रूस पर उठे गंभीर सवाल
, मंगलवार, 13 अगस्त 2019 (12:11 IST)
मॉस्को। रूस में नए रॉकेट इंजन के परीक्षण के दौरान हुए विस्फोट में मारे गए पांच परमाणु इंजीनियरों का अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। हालांकि इस घटना ने विकिरण फैलने के खतरे और गोपनीय तरीके से चलाए जा रहे हथियार कार्यक्रम पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
 
गत गुरुवार मारे गए इंजीनियरों का अंतिम संस्कार सोमवार को सारोव में किया गया। इस स्थान पर ही रूस का प्रमुख परमाणु हथियार अनुसंधान केन्द्र हैं और ये लोग यहीं काम करते थे।
 
विकिरण का स्तर बढ़ा : नजदीकी 1,83,000 आबादी वाले सेवरोदविंस्क शहर के अधिकारियों ने विस्फोट के बाद विकिरण के स्तर में बढ़ोतरी की बात कही साथ ही कहा कि इससे स्वास्थ्य को कोई खतरा नहीं है। वहीं रक्षा मंत्रालय का दावा है कि कोई विकिरण हुआ ही नहीं। इन सब के बीच स्थानीय लोग आयोडाइड खरीदने लगे हैं। यह विकिरण के संपर्क में आने से पहुंचे नुकसान को कम करता है। 
 
सेवरोदविंस्क शहर प्रशासन ने कहा है कि गुरुवार को करीब 30 मिनट के लिए विकिरण का स्तर बढ़कर 2 माइक्रोसीवर्ट प्रति घंटा हो गया था, जो बाद में क्षेत्र के सामान्य स्तर 0.1 माइक्रोसीवर्ट प्रति घंटे पर लौट आया। आपात अधिकारियों ने सभी कर्मचारियों को घरों के अंदर रहने और खिड़कियां बंद रखने को कहा। 
 
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अमेरिका ने सीखा सबक : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि रूस में मिसाइल परीक्षण के दौरान हुए विस्फोट से अमेरिका सबक ले रहा है। ट्रंप ने ट्वीट किया कि रूस में विफल हुए मिसाइल परीक्षण से अमेरिका सीख ले रहा है। हमारे पास वैसी ही, हालांकि उससे अधिक उन्नत, तकनीक है। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि रूस के ‘स्काईफॉल’ विस्फोट से केन्द्र के आसपास की हवा को लेकर भी लोग चिंतित हैं।
 
ट्रंप के दावे से अमेरिकी विशेषज्ञ हैरान : इस बीच, अमेरिकी विशेषज्ञ जोई सिरिनसिओन ने ट्रम्प के रूस जैसी तकनीक होने के दावे को खारिज करते हुए ट्वीट किया, 'यह विचित्र है। हमारा कोई परमाणु ऊर्जा वाला क्रूज मिसाइल कार्यक्रम नहीं है।'
 
गौरतलब है कि गत गुरुवार को रूस में नए रॉकेट इंजन के परीक्षण के दौरान हुए विस्फोट में पांच परमाणु इंजीनियरों की जान चली गई थी। वहीं, इस घटना ने विकिरण फैलने के खतरे और गोपनीय तरीके से चलाए जा रहे हथियार कार्यक्रम पर सवाल खड़े कर दिए।

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