शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में गुरुवार को 25 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भाजपा को राज्य के शिमला, हमीरपुर और कांगड़ा संसदीय क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों में करारा झटका लगा है। हालांकि, पार्टी ने मंडी लोकसभा क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने 68 सदस्यीय विधानसभा में 40 सीटें जीतकर हिमाचल प्रदेश को भाजपा से छीन लिया।
कांग्रेस को 43.90 फीसदी, भाजपा को 43 फीसदी वोट मिले, आप को 1.10 फीसदी, माकपा को 0.66 फीसदी, बसपा को 0.35 फीसदी और निर्दलीय व अन्य को 10.39 फीसदी, जबकि नोटा को 0.59 फीसदी वोट मिले। 1 प्रतिशत वोट शेयर से 15 सीटों का अंतर आ गया और भाजपा सत्ता से बाहर हो गई।
हमीरपुर को कैबिनेट में प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को किनारे कर दिए जाने से भी जनता नाखुश थी। इसकी कीमत भाजपा को भारी पड़ी और इस संसदीय क्षेत्र की 17 विधानसभा सीटों में से 13 पर कांग्रेस और निर्दलीयों ने जीत हासिल की।
कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में जनता से संपर्क न होना और टिकट आवंटन में ब्राह्मणों की अनदेखी, जो क्षेत्र के 20-21 फीसदी मतदाता हैं, मतदाताओं को रास नहीं आया। शिमला संसदीय क्षेत्र में भाजपा केवल तीन सीटें जीत सकी जबकि कांग्रेस ने 13 सीटों पर जीत दर्ज की।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की लोकप्रियता ने भाजपा को मंडी निर्वाचन क्षेत्र में विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल करने में मदद की। पिछले साल मंडी लोकसभा सीट जीतने वाली कांग्रेस को यहां झटका लगा था और वह 17 सीटों में से केवल 5 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी थी।
पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का वादा कांग्रेस के लिए वरदान साबित हुआ जबकि सेब उत्पादकों के मुद्दों ने करीब 20 सीटों पर भाजपा की संभावनाओं पर पानी फेर दिया। राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने कहा कि मतदाता बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई से नाराज थे और सरकार के खिलाफ एक मजबूत सत्ता विरोधी लहर थी।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली कर्मचारियों की प्रमुख मांग है। इसके अलावा, लोग वस्तुओं की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत मिलने पर पार्टी के नेताओं ने भरोसा जताने के लिए राज्य के लोगों का आभार जताया। कहा कि कांग्रेस मतदाताओं से किए 10 वादों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। (भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta