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कोरोना का जेएन-1 वेरिएंट कितना है खतरनाक, क्या होगा असर, जानें आपके हर सवाल का जवाब!

कोरोना का जेएन-1 वेरिएंट कितना है खतरनाक, क्या होगा असर, जानें आपके हर सवाल का जवाब!
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विकास सिंह

, बुधवार, 20 दिसंबर 2023 (08:53 IST)
कोरोना वायरस के नए सब-वेरिएंट जेएन.1 (JN.1) के भारत में तेजी से दस्तक देने के बाद केंद्र सरकार अलर्ट हो गई है। केंद्र सरकार ने कोरोना को लेकर राज्य सरकारों को अलर्ट जारी किया है और राज्यों के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक करने जा रही है। वहीं केरल में एक दिन में कोरोना के 115 मामले सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। केरल में देखते ही देखते कोरोना के नए वेरिएंट के चपेट में 1700  से अधिक मामले सामने आ चुके है।  

मध्यप्रदेश में भी अलर्ट- कोरोना के नए सब वेरिएंट जेएन.1 के देश में दस्तक देने के बाद अब मध्यप्रदेश सरकार भी सतर्क हो गई है। कोरोना के नए सब वेरिएंट को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कोविड को लेकर केंद्र सरकार ने जो गाइडलाइन जारी की है उसको प्रदेश में लागू कर दिया गया है और सभी को इन गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए। सरकार ने सभी अस्पतालों में कोविड जांच के निर्देश दिए है। इसके साथ अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्थाएं करने के निर्देश भी निर्देश दिए गए है।

कोविड-19 के नए सब वेरिएंट JN.1 के बढ़ते मामलों के बाद लोगों के मन में भी  इसको लेकर कई तरह के सवाल है। ‘वेबदुनिया’ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्था (ICMR)  के महामारी विज्ञान और संक्रामक रोग विभाग के पूर्व प्रमुख पद्मश्री डॉक्टर रमन गंगाखेडकर से खास बातचीत कर इन सवालों के उत्तर जानने की कोशिश की।

कोराना का नया JN.1 वेरिएंट कितना खतरनाक?-भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्था के महामारी विज्ञान और संक्रामक रोग विभाग के पूर्व प्रमुख पद्मश्री डॉक्टर रमन गंगाखेडकर कहते  हैं कि कोरोना के नए सब वैरिएंट जेएन.1 (JN.1) को लेकर बिल्कुल भी पैनिक नहीं होना है। नया वेरिएंट JN.1 ऑमिक्रॉन का sub lineage है और स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन की वजह से बना है।

वह कहते हैं कि कोरोना का JN.1 वायरस ऐसी स्टेज पर आया जिसमें एक से दूसरे को बीमारी लगने की संभावना बहुत कम है। इसके साथ JN.1 वायरस से संक्रमित लोगों के अस्पताल में भर्ती होने के चांस बहुत कम है और डेथ रेट न के बराबर है, अब तक केवल एक डेथ केरल से रिपोर्ट हुई है। ऐसे में कोविड-19 के नए सब वेरिएंट के बहुत माइल्ड इंफेक्शन है और इसमें ओमिक्रॉन की तुलना में बुखार भी बहुत कम समय के लिए आता है, इसलिए हमको घबराने की जरूरत नहीं है।

नए वेरिएंट JN.1 से किसको खतरा?-‘वेबदुनिया’ से बातचीत में डॉ. रमन गंगाखेडकर कहते है कि नए वेरिएंट से 60 से अधिक उम्र वालों और ऐसे लोगों जिनको कोई अन्य गंभीर बीमारी है उनको खास सतर्कता बरतने की जरूत है। 60 साल के उपर वाले लोग और ऐसे लोग जो अन्य गंभीर बीमारी से पीडित है उनको भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मास्क का उपयोग जरुर करना चाहिए, जिससे वह इंफेक्शन से बच सके।  

कब कोविड टेस्ट करवाना चाहिए?- कोरोना के नए सब वेरिएंट JN.1 से संक्रमित लोगों में माइल्ड इंफेक्शन है ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि कब कोविड टेस्ट करवाना चाहिए? इस पर डॉ. रमन गंगाखेडकर कहते है कि ऐसे लोग  जिनको लगातार बुखार हो रहा है और अस्पताल में भर्ती होने के हालात है तो उनको जरुर कोविड टेस्ट करवाना चाहिए। इसके साथ अगर किसी को अन्य कोई बीमारी है और उनको बुखार के साथ अन्य कोई लक्षण है तो उनको कोविड टेस्ट करवाना चाहिए।

नए वेरिएंट का मुकाबला कर सकेगी वैक्सीन?- कोरोना के फिर से तेजी से बढ़ते मामले के बीच यह सवाल भी लोगों के जेहन में उठ रहा है कि कोविड वैक्सीन क्या नए वेरिएंट का मुकाबला कर पाएगी, इस पर डॉ. रमन गंगाखेडकर कहते है कि  वैक्सीन का निश्चित तौर पर हम पर  असर है और वह हमको प्रोटेक्ट भी कर रही है। वहीं अगर किसी को नए वायरस से संक्रमण होने का डर लग रहा है तो वह एक और डोज (बूस्टर डोज) ले सकता है।

नए वेरिएंट JN.1 का कब दिखेगा पीक?-देश में कोरोना के नए वेरिएंट के मामले जिस तरह तेजी से बढ़ते जा रहे है उसको लेकर एक सवाल यह भी लोगों के जेहन में है कि इसका पीक कब दिखेगी, इस पर ड़ॉ. रमन गंगाखेडकर कहते है कि नए वेरिएंट से देश में कोरोना की नई लहर शुरु हो गई है, संख्या इसलिए सामने नहीं आ रही है कि क्योंकि टेस्ट नहीं हो रहे है। ऐसे में जब नए वेरिएंट का ट्रांसमिशन (संक्रमण क्षमता) बहुत तेज है तब ऐसे में एक से डेढ़ महीने इसका पीक आ जाएगा और उसके बाद संक्रमण रफ्तार कम हो जाएगी।  

केरल में केस बढ़ने के क्या कारण?- कोरोना के नए सब वेरिएंट JN.1  के केस केरल में अधिक संख्या में रिपोर्ट होने पर महामारी विशेषज्ञ रमन गंगाखेडकर  कहते हैं कि इसका एक मात्र कारण है कि वह अधिक संख्या में टेस्ट हो रहे है। वह कहते है कि केरल सरकार हेल्थ सेक्टर बहुत मजबूत है और वह लगातार सर्विलांस करते है, इसलिए वहा अधिक संख्या केस आ रहे है। ऐसा नहीं है कि केवल केरल में केस आ रहे है,महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में भी लोगों संक्रमित होंगे लेकिन हमको संख्या नहीं दिख रही है इसका कारण है कि कोविड टेस्ट नहीं होना।

हर्ड इम्युनिटी क्या संक्रमण की रफ्तार को रोकेगी?- वेबदुनिया से बातचीत में डॉ. रमन गंगाखेडकर कहते हैं कि हर्ड इम्युनिटी की थ्योरी अभी भारत में अप्लाई नहीं हो सकती है। इसकी वजह है कि कोरोना वायरस लगातार अपने में म्यूटेशन कर अपने को जिंदा रखने की कोशिश करता है। कोरोना वायरस जिंदा रहने के लिए इतना बदलाव करेगा कि वह आपके इम्युन सिस्टम को ओवरकम कर इंफेक्शन देगा। वायरस में म्यूटेशन होने से वह संक्रमित करने में भी सफल होगा और उससे संक्रमित लोगों को माइल्ड इंफेक्शन होगा।

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