नई दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की नेता वृंदा करात ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर उत्तर-पूर्व दिल्ली की हिंसा के लिए भाजपा नेता कपिल मिश्रा को जिम्मेदार ठहराया है और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने इस हिंसा का ठीकरा भाजपा और आरएसएस पर फोड़ा है।
करात ने शाह को पत्र लिखकर कहा कि राजधानी में हिंसा की आश्चर्यजनक घटनाओं में एक पुलिस कांस्टेबल और 6 नागरिकों की त्रासद मौत गहरी चिंता का विषय है। हम पुलिस कांस्टेबल की मौत और दिल्ली में हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों की कड़ी निंदा करते हैं। दिल्ली पुलिस और संबंधित एजेंसियां आपके मंत्रालय के नियंत्रण में आती हैं इसलिए हम यह पत्र आपको लिख रहे हैं।
माकपा नेता ने गृहमंत्री से मिलने का भी समय मांगते यह भी कहा कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ मुख्यत: महिलाओं की अगुवाई में प्रदर्शन पिछले 2 महीने तक शांतिपूर्ण रहे और हिंसा की कोई घटना नहीं हुई, अपवाद के तौर कुछ व्यक्तियों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाने की घटना हुई, जो केंद्रीय मंत्री के भड़कावे में आ गए थे।
उन्होंने कहा कि इससे पुलिस और खुफिया एजेंसियों को उन तत्वों के प्रयासों को लेकर चौकन्ना हो जाना चाहिए था, जो शांतिपूर्ण प्रदर्शन को बिगाड़ना चाहते हैं और उसे सांप्रदायिक रंग देना चाहते हैं। लेकिन या तो खुफिया एजेंसियां विफल रहीं या फिर उनकी रिपोर्ट की अनदेखी की गई।
करात ने कहा कि रविवार को भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने विभिन्न स्थानों से प्रदर्शनकारियों को जबरन हटाने का खुलेआम आह्वान किया था। प्रदर्शन स्थलों के आसपास के क्षेत्रों में हाथों में लाठियां और ईंटें लिए कुछ व्यक्तियों द्वारा बहुत ही भड़काऊ और सांप्रदायिक नारे लगाने की विस्तृत रिपोर्ट एवं वीडियो उपलब्ध हैं। राष्ट्रीय राजधानी में शांति सुनिश्चित करने के लिए निष्पक्ष एवं उचित हस्तक्षेप समय की मांग की है।
करात ने कहा कि शांति के लिए दखल से लोगों की ये आशंकाएं दूर होंगी कि पिछले 2 दिनों की घटनाएं चुनाव परिणाम के लिए दिल्ली के लोगों के लिए बदला है। इस संदर्भ में कपिल मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई से लोगों में विश्वास पैदा होगा कि आप शांति के लिए निष्पक्ष कदम उठा रहे हैं और समस्या खड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।
उधर भाकपा ने एक बयान में कहा कि आरएसएस और भाजपा के गुंडे प्रदर्शन को विफल करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने प्रदर्शनकारियों एवं इलाके के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हमला किया, उन्होंने हिंसा होने दी और उसे सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास भी किया। ये सब चीजें तब हो रही थीं, जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दिल्ली पहुंचने वाले थे।
मंत्रियों, सांसदों और मुख्यमंत्रियों को भी जिम्मेदार ठहराते हुए पार्टी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में तनावपूर्ण स्थिति घृणातम और भड़काऊ भाषण से पैदा हुई। उसने कहा कि दिल्ली चुनाव के मौके पर शुरू हुआ अल्पसंख्यक विरोधी अभियान अब भी जारी है। इसलिए पार्टी भाजपा एवं आरएसएस के नेताओं को नफरत, असहिष्णुता एवं हिंसा फैलने के बाद कई जिंदगियां चले जाने को लेकर पूरी तरह जिम्मेदार ठहराती है।