जोबट उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का समय आज शुक्रवार को समाप्त हो जाएगा। प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुके इस उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों में अभी नाराज लोगों को साधने और मनाने का दौर है। इस काम के लिए दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं ने मोर्चा संभाल रखा है।
इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखने के लिए कांग्रेस कोई कसर बाकी नहीं रखेगी। कल गुरुवार शाम आलीराजपुर पहुंचे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और मध्यप्रदेश के सह प्रभारी कुलदीप इंदौरा ने महेश पटेल को पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से ही नाराज चल रहे दीपक भूरिया से लंबी चर्चा की। दीपक, दिवंगत विधायक कलावती भूरिया के भतीजे हैं और वे भी जोबट से कांग्रेस के टिकट के दावेदार थे। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस द्वारा क्षेत्र के प्रभारी बनाए गए खरगोन के विधायक रवि जोशी भी मौजूद थे।
सूत्रों के मुताबिक इंदौरा से चर्चा के बाद दीपक संभवत: नामांकन दाखिल न करें। दीपक के मैदान में आने की स्थिति में जोबट के सारे समीकरण गड़बड़ा सकते हैं। इधर भाजपा में उम्मीदवार न बनाए जाने से नाराज चल रहे जोबट के पूर्व विधायक माधौसिंह को पार्टी ने चुनाव संचालक बना दिया है। उम्मीदवारी से वंचित 2 अन्य नेता मुकाम सिंह डावर और दीपक चौहान को भी पार्टी के वरिष्ठ नेता साधने में लगे हुए हैं। यहां भाजपा ने कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस से भाजपा में आई पूर्व विधायक सुलोचना रावत को मैदान में उतारा है। पार्टी का एक धड़ा उनकी उम्मीदवारी से बेहद नाराज है। उसे मनाने में मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा और राज्यवर्धनसिंह दत्तीगांव ने पूरी ताकत झोंक रखी है। सखलेचा ने पिछले 1 सप्ताह से यहां डेरा डाल रखा है।
जोबट में भाजपा के लिए आलीराजपुर के पूर्व विधायक नागर सिंह भी बहुत मददगार साबित हो सकते हैं। यही कारण है कि इस क्षेत्र की सारी चुनावी रणनीति को उन्हीं की अगुवाई में मूर्तरूप दिया जा रहा है। उनके राजनीतिक वजन का एहसास इसी बात से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दोनों नागर सिंह से सीधे संपर्क में हैं। इधर कांग्रेस में चुनाव के सारे सूत्र कमलनाथ ने अपने भरोसेमंद रवि जोशी को सौंप रखे हैं। प्रदेश कांग्रेस ने जितने भी नेताओं को यहां तैनात किया है, उन्हें जोशी से ही संपर्क रखने के लिए कहा गया।