Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

पद्मावती विवाद : एक दिसंबर को करणी सेना का भारत बंद, क्या बोले सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष...

पद्मावती विवाद : एक दिसंबर को करणी सेना का भारत बंद, क्या बोले सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष...
नई दिल्ली , गुरुवार, 16 नवंबर 2017 (07:40 IST)
नई दिल्ली। संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ का विरोध का विरोध बढ़ता ही जा रहा है। श्री राजपूत करणी सेना ने फिल्म की रिलीज के खिलाफ एक दिसंबर को देशव्यापी बंद का आह्वान किया। इस बीच केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने कहा है कि उन्होंने अब तक संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' नहीं देखी है और उनके फिल्म देखने की खबरें बिल्कुल निराधार और गलत है।
 
राजस्थान भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी, उदयुपर के पूर्व शाही परिवार लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने कहा कि ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ करने की कोई भी कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कांग्रेस ने कहा कि अगर ‘पद्मावती’ में भावनाएं आहत करने वाले कोई भी दृश्य हैं तो उनकी समीक्षा की जानी चाहिए।
 
मीडिया में ऐसी खबरे थीं कि सेंसर बोर्ड के प्रमुख ने 'पद्मावती' देख ली है और उन्होंने फिल्म में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया। राजस्थान राज्य महिला आयोग (आरएससीडब्ल्यू) ने भी सेंसर बोर्ड को पत्र लिखकर ‘कानून और व्यवस्था को लेकर’ भंसाली की फिल्म से जुड़े ‘संशय’ को खत्म करने की मांग की है।
 
दक्षिण भारत में भी फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया है। करणी सेना के सदस्यों ने बेंगलुरु में प्रदर्शन किया। जयपुर में करणी सेना के नेता लोकेंद्र सिंह काल्वी ने कहा कि अभिनेत्री दीपिका पादुकोण का कथित बयान भड़काऊ है, जिसमें उन्होंने कहा है कि फिल्म को रिलीज होने से कोई नहीं रोक सकता। अभिनेत्री फिल्म में रानी की भूमिका में नजर आएंगी।
 
काल्वी ने कहा कि दीपिका पादुकोण का बयान उकसाने वाला है और मैं इसे चुनौती के रूप में लेता हूं इसलिए मैंने राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया है। उन्होंने धमकी के लहजे में कहा कि ये जौहर की ज्वाला है। रोकना है तो पद्मिनी को रोक लो।
 
राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार में मंत्री माहेश्वरी ने कहा कि वह फिल्म का कड़ा विरोध करती हैं और दावा किया कि यह पूरी तरह से रुपए बनाने और मनोरंजन की कोशिश है।
 
अपने सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने लिखा कि रानी पद्मिनी (पद्मावती) ने 16,000 महिलाओं के साथ जौहर किया था। उन्होंने लिखा, 'रानी पद्मिनी महिलाओं के शौर्य व स्वाभिमान की प्रतीक हैं। उनका अपमान किसी को भी स्वीकार नहीं होगा।'
 
नई दिल्ली में कांग्रेस प्रवक्ता आर पी एन सिंह ने कहा कि उन्होंने हालांकि फिल्म नहीं देखी है, फिल्म को मंजूरी देने का काम सेंसर बोर्ड का है और यदि उसमें भावनाएं आहत करने वाले दृश्य हैं तो उनकी समीक्षा की जानी चाहिए।
 
इसी बीच राजस्थान महिला आयोग की प्रमुख सुमन शर्मा ने सेंसर बोर्ड को पत्र लिखकर शांति-व्यवस्था को बनाये रखने के लिए फिल्म से जुड़ी शंकाएं दूर करने का अनुरोध किया। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के प्रमुख प्रसून जोशी को पत्र लिखकर समुन ने कहा है कि उसे यह देखने की जरूरत है कि फिल्म से किसी महिला की गरिमा को ठेस ना पहुंचे।
 
राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में प्रदर्शनों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से कानून-व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
 
श्री राजपूत करणी सेना के सदस्यों ने दावा किया कि राजपूत समुदाय या हिन्दू संगठन ही नहीं बल्कि मुस्लिम नेता भी फिल्म के विरोध में आ गए हैं। करणी सेना के नेता काल्वी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के पास फिल्म की रिलीज तीन महीने के लिए रोकने का अधिकार है।
 
मेवाड़ राजघराने के सदस्य लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ ने पद्मावती फिल्म के निर्माता निदेशक संजय लीला भंसाली और इस फिल्म के कलाकारों की कार्यशैली पर प्रश्न खडे करते हुए कहा है कि क्या ऐसे विषय को एक मनोरंजन के रूप में पेश करना किसी निर्देशक की जिम्मेदाराना कार्यशैली है? साथ ही फिल्म के कलाकारों ने क्या मर्यादा में रहकर एक सच्चे कलाकार होने का फर्ज निभाया है? उन्होंने कहा कि पैसा ही सबकुछ नहीं होता है। मेवाड़ के इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश करने की कोशिश बर्दाश्त योग्य नहीं है। उन्होंने भविष्य में इस तरह की कोशिशों को रोकने के लिए सरकार से सख्त कानून बनाने की मांग की है ताकि मनोरंजन के नाम पर कोई इतिहास और संस्कृति व जनमानस की भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं कर सके। (भाषा) 
 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

मोदी लहर जारी, भारतीय राजनीति में सबसे लोकप्रिय हस्ती