बिहार में महागठबंधन की सरकार गिरने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ मिलकर नई सरकार बना ली है। इसी बात से नाराज शरद यादव ने अपने बगावती तेवर दिखाते हुए जनता दल यूनाइटेड पर अपना दाव ठोक दिया।
ऐसे में अब यह सवाल राजनीतिक गलियारे में गर्म है कि क्या शरद यादव जदयू में टूट के कारण बनेंगे? यदि ऐसा होता है तो यह जनता परिवार का अब तक 12वां विभाजन होगा।
इससे पहले चंद्रशेखर, देवीलाल, बीजू पटनायक, जॉर्ज फर्नांडीस और नीतीश कुमार भी जनता परिवार को तोड़कर अलग दल गठित कर चुके हैं। 11 अक्टूबर 1988 जनता दल का गठन विश्वनाथ प्रतापसिंह ने कांग्रेस से अलग होकर किया था।
वर्तमान में महागठबंधन की सरकार के टूटने से नाराज शरद यादव बगावत की राह पर हैं। पार्टी का एक गुट शरद के साथ खड़ा है। शनिवार को पटना में जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने के बदले शरद गुट ने अपना समानांतर सम्मेलन किया। शरद गुट ने जहां राजद-जदयू-कांग्रेस के महागठबंधन के जारी रहने की घोषणा की वहीं जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने नीतीश की अध्यक्षता में पार्टी के राजग में विलय पर मुहर लगाई।
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने स्पष्ट कहा है कि अगर शरद 27 अगस्त को होने वाले राजद के 'भाजपा भगाओ देश बचाओ' सम्मेलन में शामिल होते हैं तो वे उनके खिलाफ कार्रवाई कर दी जाएगी। पार्टी सुप्रीमो नीतीश कुमार ने भी स्पष्ट कर दिया है कि शरद चाहें तो अपना रास्ता चुनने को स्वतंत्र हैं।