लखनऊ। उत्तरप्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अब योगी सरकार बीमारियों से जुड़ी जांच व इलाज की व्यवस्था उन्हीं के गांव क्षेत्र में करने जा रही है और सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को मलेरिया, टाइफायड और टीबी जैसी अन्य बीमारियों की जांच के लिए अब शहर की तरफ नहीं आना होगा और उनकी इन बीमारियों से जुड़ी हुई जांच व इलाज उन्हीं के गांव में आराम से मिल जाएगा।
इसके लिए योगी सरकार गांव में बने हेल्थ सब-सेंटरों को और मजबूत करने के लिए स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र खोलने को लेकर तैयारियां कर रही है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बीमारियों से जुड़ी जांच व इलाज की व्यवस्था कर दी जाएगी।
प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो ग्रामीण क्षेत्रों में बने हेल्थ सब-सेंटरों में स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र काम करने लगें, इसके लिए योगी सरकार 7 करोड़ रुपए खर्च करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सरकार द्वारा योजना भी तैयार कर ली गई है।
इसी के चलते पहले चरण में लखनऊ के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में 97 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र खोले जाएंगे और हर एक स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र को 7 लाख रुपए दिए जाएंगे। इसी के साथ दूसरे और तीसरे चरण में पूरे राज्य में स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र खोल दिए जाएंगे। स्वास्थ्य केंद्रों के खुलने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से 12 तरह की ऐसी बीमारियों का पता लगाया जा सकेगा, जो संक्रमण की श्रेणी में नहीं आती हैं। जांच करने के पश्चात इन सभी बीमारियों का इलाज भी सुनिश्चित किया जाएगा।
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वेबदुनिया' से बातचीत करते हुए चीफ मेडिकल अफसर डॉ. संजय भटनागर ने बताया कि 97 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र खोलने की राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है। इन सेंटरों में कम्युनिटी हेल्थ अफसर की नियुक्ति भी की जाएगी और ये सभी केंद्र प्राइमरी और कम्युनिटी हेल्थ सेंटर्स में बेहतर इलाज को सुनिश्चित करेंगे और जल्द ही इस व्यवस्था को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।