Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

विजयादशमी के दिन कैसे करें शमी वृक्ष का पूजन, जानें प्रार्थना मंत्र

विजयादशमी के दिन कैसे करें शमी वृक्ष का पूजन, जानें प्रार्थना मंत्र
webdunia

पं. हेमन्त रिछारिया

Dussehra 2023: नवरात्रि की पूर्णता के साथ ही देशभर में विजयादशमी का पर्व मनाया जाएगा। विजयादशमी का पर्व अच्छाई की बुराई पर विजय का संदेश देता है। विजयादशमी पर्व है संकल्प का कि हम अपने अंतरतम में उपजी बुराइयों पर विजय प्राप्त कर सन्मार्ग पर अग्रसर हो सकें।
 
देश के अलग-अलग हिस्सों में विजयादशमी का पर्व अपनी-अपनी लोक परंपराओं के अनुसार मनाया जाता है। इस दिन रावण दहन भी किया जाता है, जो बुराई एवं अहंकार का प्रतीक है। विजयादशमी के दिन शस्त्र पूजा एवं शमी वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व होता है।

विजयादशमी के दिन देश के कुछ हिस्सों में अश्व-पूजन भी किया जाता है। सनातन धर्मानुसार विजयादशमी के दिन प्रदोष काल में शमी वृक्ष का पूजन अवश्य किया जाना चाहिए।
 
आइए, जानते हैं कि शमी वृक्ष का पूजन किस प्रकार किया जाना श्रेयस्कर रहता है?
 
- विजयादशमी के दिन प्रदोष काल में शमी वृक्ष के समीप जाकर उसे प्रणाम करें। तत्पश्चात शमी वृक्ष की जड़ में गंगा जल/ नर्मदा जल/ शुद्ध जल का सिंचन करें। जल सिंचन के उपरांत शमी वृक्ष के सम्मुख दीपक प्रज्वलित करें। दीप प्रज्वलन के पश्चात शमी वृक्ष के नीचे कोई सांकेतिक शस्त्र रखें। तत्पश्चात शमी वृक्ष एवं शस्त्र का यथाशक्ति धूप, दीप, नैवेद्य, आरती से पंचोपचार अथवा षोडषोपचार पूजन करें। 
 
पूजन के उपरांत हाथ जोड़कर निम्न प्रार्थना करें-
 
'शमी शम्यते पापम् शमी शत्रुविनाशिनी।
अर्जुनस्य धनुर्धारी रामस्य प्रियदर्शिनी।।
करिष्यमाणयात्राया यथाकालम् सुखम् मया।
तत्रनिर्विघ्नकर्त्रीत्वं भव श्रीरामपूजिता।।'
 
- अर्थात् हे शमी वृक्ष, आप पापों का क्षय करने वाले और दुश्मनों को पराजित करने वाले हैं। आप अर्जुन का धनुष धारण करने वाले हैं और श्रीराम को प्रिय हैं। जिस तरह श्रीराम ने आपकी पूजा की, हम भी करेंगे। हमारी विजय के रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं से दूर करके उसे सुखमय बना दीजिए।
 
- प्रार्थना उपरांत यदि आपको शमी वृक्ष के समीप शमी वृक्ष की कुछ पत्तियां गिरी मिलें तो उन्हें आशीर्वादस्वरूप ग्रहण कर लाल वस्त्र में लपेटकर सदैव अपने पास रखें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आपको शमी वृक्ष से स्वयमेव गिरी पत्तियां ही एकत्र करना है तथा शमी वृक्ष से पत्तियां तोड़नी नहीं हैं। इस प्रयोग से आप शत्रुबाधा से मुक्त एवं शत्रु पराभव करने में सफल होंगे।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

शारदीय नवरात्रि 2023: दुर्गा नवमी का विशेष महत्व क्यों है?