नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवन ने रविवार को दशहरे पर नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में शस्त्र पूजा की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भारत ने दिखाई दृढ़ता।
उन्होंने शस्त्र पूजा के बाद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना वायरस ने इस बार त्योहारों में काफी बदलाव ला दिया है। भारत ने विश्व के अन्य देशों की तुलना में महामारी की इस संकट की घड़ी में काफी दृढ़ता दिखाई।
भागवत ने कहा कि कोरोनावायरस से भारत में कम नुकसान हुआ। कोरोना से जंग में कई सावधानियां बरती गई, नए नियम बनाए गए। कोरोना के डर से लोगों ने अतिरिक्त सावधानियां बरती। हर व्यक्ति ने अपनी ओर से प्रयास किए।
चीनी घुसपैठ का जिक्र करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि भारत के शासन, प्रशासन, सेना तथा जनता ने इस आक्रमण के सामने अड़ कर खड़े होकर अपने स्वाभिमान, वीरता का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि हम सभी से मित्रता चाहते हैं लेकिन हमारी सद्भावना को दुर्बलता नहीं समझना चाहिए।
उन्होंने कहा कि 9 नवंबर को श्रीरामजन्मभूमि के मामले में अपना असंदिग्ध निर्णय देकर सर्वोच्च न्यायालय ने इतिहास बनाया। भारतीय जनता ने इस निर्णय को संयम और समझदारी का परिचय देते हुए स्वीकार किया।
उन्होंने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है, कुछ लोग यह दावा कर मुसलमानों को भ्रमित कर रहे हैं कि इसका लक्ष्य उनकी संख्या को सीमित करना है। हम एंटी सीएए प्रोटेस्ट की वजह से देश में तनाव के साक्षी बने। इस पर ज्यादा बात हो पाती उससे पहले ही इस वर्ष सारा फोकस कोरोना पर शिफ्ट हो गया। कोरोना ने सारा ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया।
संघ प्रमुख ने कहा कि अपने समाज की एकरसता का, सहज करुणा व शील प्रवृत्ति का, संकट में परस्पर सहयोग के संस्कार का अपनी सांस्कृतिक संचित सत्त्व का सुखद परिचय इस संकट में हम सभी को मिला।
कोरोनावायरस की वजह से कार्यक्रम में इस बार किसी भी मुख्य अतिथि को नहीं बुलाया गया और कार्यक्रम में मात्र 50 लोगों ने ही हिस्सा लिया।