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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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30 नवंबर : जगदीश चंद्र बसु की जयंती, पढ़ें खास बातें

30 नवंबर : जगदीश चंद्र बसु की जयंती, पढ़ें खास बातें
1. scientist jagdish chandra bose: 30 नवंबर को जगदीश चंद्र बसु की जयंती है। भारतीय वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस ने हमारी तरह ही पेड़-पौधों में भी जीवन होने की खोज की थी। इतना ही नहीं उन्हें रेडियो तरंग का आविष्कार करने का श्रेय भी जाता है। अत: उन्हें रेडियो का पिता भी कहा जाता है। 
 
2. वे रेडियो और तरंगों की खोज करने वाले पहले भारतीय वैज्ञानिक तथा पहले भारतीय वैज्ञानिक भी रहे जिन्होंने अमेरिकन पेटेंट प्राप्त किया था। 
 
3. ऐसे महान भारतीय वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु या बोस का जन्‍म बांग्लादेश में ढाका जिले के फरीदपुर के मैमनसिंह में 30 नवंबर 1858 को एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उनके पिता अंग्रेजों की नौकरी करते थे। और वे यह जानते थे कि जगदीश चंद्र का रुझान भी सरकारी नौकरी की तरफ ही है, लेकिन उनके पिता ने उन्‍हें विज्ञान पढ़ने की सलाह और खुद से कुछ काम करने की सलाह दी थी।
 
4. जगदीश चंद्र बसु की प्राथमिकी शिक्षा गांव में हुई थी, इसके बाद वे पढ़ाई के लिए लंदन चले गए। लंदन विश्वविद्यालय में चिकित्सा की पढ़ाई करने गए, लेकिन स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण उन्हें भारत लौट आना पड़ा। 
 
5. इसके बाद प्रेसीडेंसी महाविद्यालय में भौतिकी के प्राध्यापक का पद संभाला। हालांकि नस्ल भेदभाव का शिकार होने के कारण उन्‍होंने अपने पद से त्याग पत्र दे दिया और शोध कार्य पर ही अपना पूरा ध्यान केंद्रीत कर दिया।
 
6. जगदीश चंद्र को जीव विज्ञान, वनस्पति और भौतिकी विज्ञान का गहरा ज्ञान था तथा वे पुरातत्व चीजों के भी ज्ञानी थे। जगदीश चंद्र बोस ने अपना अधिकतर समय काम में ही बिताया। 
 
7. जगदीश चंद्र ने वायरस तरंगों के लिए अथक प्रयास किए थे। तथा सामान्‍य दूरसंचार के सिग्नल की खोज करने में कामयाबी भी हासिल की। और इस खोज को उन्‍होंने सार्वजनिक कर दिया था, ताकि इस पर दूसरे वैज्ञानिक शोध कर सकें। वर्ष 1899 में लंदन में रॉयल सोसाइटी के समक्ष उन्होंने अपने अनुसंधान पत्र में एक संवेदनशील उपकरण के खोज की घोषणा की थी, जिससे लंबी दूरी तक बेतार संचार संभव होना बताया था।  
 
8. जगदीश चंद्र बोस को बंगाली विज्ञान कथा-साहित्य का पिता भी माना जाता है, क्योंकि उन्हें साहित्य में अच्‍छा ज्ञान होने से उन्‍होंने कई वैज्ञानिक कथाएं लिखी है जो आज भी हमें प्रेरित करती हैं। 
 
9. बोस को सन् 1997 में उन्हें इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड एलेक्‍ट्रॉनिक्‍स इंजीनियर 'रेडियो साइंस का जनक' करार दिया गया। 
 
10. रेडियो साइंस में उपलब्धि के साथ ही उन्होंने वनस्पति विज्ञान में भी कामयाबी हासिल की। और इस तरह क्रेस्कोग्राफ की मदद से यह समझ आया कि पेड़-पौधों में भी जान होती है। उन्‍होंने बताया कि पेड़ों को भी दर्द होता है तथा तापमान, रौशनी और बदलाव से उनका जीवन भी प्रभावित होता है। जगदीश चंद्र बोस ऐसे पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने कहा था कि पेड़-पौधों को भी दर्द होता है।
 
11. उन्हें सन् 1916 में नाइटहुड, 1920 में ब्रिटेन में रॉयल सोसाइटी ऑफ साइंस के फेलो के रूप में सम्मानित किया गया। 
 
12. जगदीश चंद्र बसु का निधन 23 नवंबर 1937 को हुआ था।

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