वॉशिंगटन। अमेरिका के सबसे बड़े बैंकों में से एक सिलिकॉन वैली बैंक (SVB) पर अमेरिकी रैगुलेटर्स ने ताला लगा दिया। बैंक डूबने की खबर से ग्राहकों में घबराहट फैल गई और बैंक की शाखाओं के बाहर लंबी कतारें लग गई। इस कार्रवाई से अमेरिका में बड़ा बैंकिंग संकट खड़ा हो गया।
तकनीकी स्टार्टअप के लिए लोन देने वाले सिलिकॉन वैली बैंक के संकट में पड़ने की वजह से पूरी दुनिया के शेयर बाजारों में हड़कंप मच गया। बैंकिंग सेक्टर के शेयरों में जबरदस्त गिरावट दिखाई दी।
अमेरिकी नियामक ने एक बयान जारी कर कहा कि संघीय जमाकर्ता बीमा निगम (FDIC) को इस बैंक का रिसीवर नियुक्त किया गया है और बैंक की 210 अरब डॉलर की संपत्तियों को बेचा जाएगा। एसवीबी इस साल डूबने वाला पहला बैंक है। इससे पहले अक्टूबर 2020 में अलेमना स्टेट बैंक पर ताला लगा था।
FDIC ने एक बयान जारी कर कहा कि सिलिकॉन वैली बैंक के सभी कार्यालय और शाखाएं 13 मार्च को खुलेंगी और सभी बीमित निवेशक सोमवार की सुबह अपने खाते का संचालन कर पाएंगे। एसवीबी के शेयरों में शुक्रवार को बाजार पूर्व कारोबार में 66 फीसदी गिरावट आ गई। एसवीबी ने नियामकीय कार्रवाई के बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
इस बैंक ने भारत समेत दुनियाभर में स्टार्टअप पर पैसा लगा रखा है ऐसे में इस इंडस्ट्री पर संकट का बड़ा असर पड़ने की आशंका है।
उल्लेखनीय है कि 2008 में अमेरिका की बड़ी बैंकिंग संस्था लैहमन ब्रदर्स के दिवालिया घोषित होने के बाद दुनिया मंदी की चपेट में आ गई थी।