- वुसअतुल्लाह ख़ान (पाकिस्तान से)
भारत को 89 रन से जीतने के लिए बधाई। रोहित शर्मा को 140 रन की बधाई। वैसे जिस बल्लेबाज़ ने वनडे इंटरनेशनल में तीन डबल सेंच्युरी खड़काई हों, उसके आगे 140 रन की पारी क्या मुश्किल।
दुख बस इतना है कि एक बार जब बारिश शुरू हो ही गई थी तो घंटा-दो घंटा और बरस जाती तो उसका क्या बिगड़ जाता। मगर जब टाइम ख़राब चल रहा हो तो सीधा भी उल्टा ही चलता है। जब पाकिस्तान ने 35 ओवर खेल लिए, उसके बाद थोड़ी बारिश का नुक़सान ये हुआ डकवर्थ लुई फॉर्मूले के साथ मैच 50 ओवर से घटा कर 40 ओवर का कर दिया गया यानी अगली 20 गेंदों में पाकिस्तान को 130 रन बनाने थे।
इससे ज़्यादा बुरा मज़ाक और क्या हो सकता है। अब इस मज़ाक की भरपाई तभी हो पाएगी कि पाकिस्तान, जिसने की अब तक सिर्फ़ 3 प्वाइंट्स हासिल किए हैं, अगले 4 मैचों में एक भी ना हारे। इस वक्त ये काम कोहकाफ में देव की कैद में तड़पती राजकुमारी को आज़ाद करवाने से भी ज़्यादा कठिन लग रहा है।
भारत का अगला मैच अफ़गानिस्तान से और पाकिस्तान का दक्षिण अफ्रीका से है। अब मैं और क्या कहूं! पर दिल को आखिरी तसल्ली ये है कि 1992 के वर्ल्ड कप में भी पाकिस्तान इसी स्थिति में था लेकिन आखिरी चार मैच जीत कर वो सेमीफाइनल और फिर फाइनल में पहुंच गया। लेकिन ना तो ये 1992 है और ना कप्तान सरफ़राज़ अहमद इमरान ख़ान हैं।
इमरान ख़ान जिन्होंने चुनाव से पहले मोदीजी की जीत की भविष्यवाणी की थी, इन्हीं इमरान खान ने मैच शुरू होने से पहले सरफ़राज़ को पैगाम भेजा था कि टॉस जीत जाओ तो बैटिंग पहले करना, स्पैशलिस्ट बैट्समैन और गेंदबाज़ों को पहले खिलाना और रेलू टाइप खिलाड़ियों को पीछे रखना क्योंकि वो इस मैच का प्रेशर बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे।
मगर सरफ़राज़ ने वो सब किया जो मना किया गया था। टॉस जीत कर बैटिंग की बजाय गेंदबाज़ी ले ली। बैटिंग ऑर्डर भी अपनी मर्ज़ी का ही रखा। गेंदबाज़ो ने जी भर के शॉर्ट पिच गेंदे करवाईं। शायद वो रोहित शर्मा का दिल नहीं तोड़ना चाहते थे जिन्हें शॉर्ट पिच गेंदे खेलना बहुत अच्छा लगता है।
वैसे इमरान ख़ान का मशविरा भी क्या कर लेता। आज तक वर्ल्ड कप में पाकिस्तान भारत से एक मैच भी नहीं जीत सका। 1992 में भी नहीं जब पाकिस्तान कप जीत कर घर ले आया था। पर कोई बात नहीं। आएगा, आएगा..अपना टाइम आएगा।