पटना। बिहार में कोरोना का कहर सिर चढ़कर बोल रहा है। यहां औसतन रोजाना 2 हजार से ज्यादा कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं। राज्य के सभी 38 जिलों में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना के 2464 नए पॉजिटिव मिलने से जहां कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 62 हजार 31 हो गई, वहीं दूसरी तरफ 2252 संक्रमित स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं।
पटना जिले में कोरोना संक्रमण के सबसे अधिक 393 नए मामले सामने आने के बाद यहां कुल पॉजिटिव लोगों की संख्या बढ़कर 10510 हो गई है। इसके बाद मुजफ्फरपुर में 197, कटिहार में 120, सारण में 97, वैशाली में 85, सीतामढ़ी में 84, बक्सर में 77, बेगूसराय और रोहतास में 75-75, समस्तीपुर में 74, नालंदा और पूर्णिया में 69-69, पूर्वी चंपारण में 65, सुपौल में 64 तथा भोजपुर और गया में 63-63 व्यक्ति पॉजिटिव पाए गए हैं।
इसी तरह भागलपुर में 59, खगड़िया में 58, सीवान में 53, मुंगेर में 52, मधुबनी और सहरसा में 49-49, दरभंगा में 44, शेखपुरा में 42, अररिया और जमुई में 37-37, बांका में 35, गोपालगंज में 34, औरंगाबाद और जहानाबाद में 32-32, किशनगंज में 30, मधेपुरा में 29, नवादा में 28, अरवल में 27, लखीसराय में 23, पश्चिम चंपारण में 21, कैमूर में 12 और शिवहर में 11 व्यक्ति संक्रमण का शिकार हुए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि 2252 संक्रमितों के ठीक होने से राज्य में अबतक स्वस्थ होने वालों की संख्या बढ़कर 40760 हो गई है। इस तरह राज्य में ठीक होने वालों की दर 65.71 प्रतिशत है। राज्य में कुल एक्टिव मामलों की संख्या 20921 है। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे के दौरान 38215 सैंपल की जांच की गई। इस तरह अब तक कुल छह लाख 87 हजार 154 सैंपल की जांच की जा चुकी है।
सिंह ने कहा कि बिहार में कोरोना जांच की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है। राज्य के चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल, डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर का नियमित रूप से मुख्यालय से अधिकारी जाकर निरीक्षण कर रहे हैं। अभी हाल ही में विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने पटना चिकित्सा महाविद्याल अस्पताल (पीएमसीएच), नालंदा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (एनएमसीएच) और भागलपुर के जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) जाकर वहां की व्यवस्था का जायजा लिया है।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि सभी चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल एवं अन्य अस्पतालों के अधीक्षक तथा जिले के सिविल सर्जन के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक करे उन्हें मरीजों को भर्ती करने में अधिक समय न लगे, इसके संबंध में निर्देश दिए गए हैं। साथ ही उन्हें प्रतिदिन नियमित रूप से हेल्थ बुलेटिन जारी करने का भी निर्देश दिया गया है ताकि मरीजों के परिजन को समय पर सूचना प्राप्त हो सके।