कोलकाता: ऋद्धिमान साहा 'सच्चाई और स्पष्टता के हक़दार थे' और इसी वजह से राहुल द्रविड़ ने उनसे भविष्य में भारतीय टेस्ट टीम में नहीं चुने जाने पर बातचीत की। द्रविड़ ने बताया कि वह साहा, उनकी उपलब्धियों और भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान की बहुत इज़्ज़त करते हैं।
साहा ने रविवार को था कि द्रविड़ ने उन्हें संकेत दिए थे कि दक्षिण अफ़्रीका दौरे के बाद टीम प्रबंधन किसी युवा खिलाड़ी को मौक़े देना चाहता हैं। साथ ही उनसे यह कहा गया कि अगर वह कोई और निर्णय लेना चाहते हैं, तो ले सकते हैं।
वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ 3-0 से टी20 अंतर्राष्ट्रीय सीरीज़ जीतने के बाद कोच द्रविड़ से चयन पर सवाल किए गए। साथ ही एक निजी बातचीत को सार्वजिक करने पर उनकी प्रतिक्रिया के बारे में उनसे पूछा गया।
साहा का है सम्मान-
द्रविड़ ने कहा, "मैं बिल्कुल भी नाराज़ नहीं हूं। ऋद्धिमान साहा और भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान का मैं सम्मान करता हूं। इसी सम्मान के कारण मैंने उनसे वह चर्चा की थी। वह सच्चाई और स्पष्टता के अधीन थे। मैं नहीं चाहता था कि मीडिया के ज़रिए उन्हें इस बात की जानकारी मिले।"
द्रविड़ ने कहा, "मैं लगातार खिलाड़ियों से ऐसी बातचीत करता रहता हूं। मैं बिल्कुल भी आहत नहीं हूं क्योंकि मैं जानता हूं कि खिलाड़ी हमेशा इस संदेशों को पसंद नहीं करेंगे और ना ही इससे सहमत होंगे। कभी-कभी आपको अन्य लोगों की तरह खिलाड़ियों के साथ भी कठिन विषयों पर चर्चा करनी पड़ती है। आप हमेशा यह उम्मीद नहीं करते हैं कि वे आपसे सहमत होंगे या आपकी बात को पसंद करेंगे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप इसे हल्के में ले लें और बातचीत ही ना करें।"
रोहित शर्मा ने कहा था बाहर करने का कारण भी बताइए
द्रविड़ ने यह भी बताया कि कैसे रोहित शर्मा के साथ उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि खिलाड़ियों को लगातार अपनी भूमिका याद दिलाई जाए और एकादश से बाहर बैठने वाले सदस्यों को उसके पीछे का कारण बताया जाए। टी20 और वनडे की कप्तानी के साथ-साथ रोहित को टेस्ट टीम के नेतृत्व की ज़िम्मेदारी भी सौंपी गई हैं।
द्रविड़ ने कहा, "हर एकादश चुने जाने से पहले, मैं या रोहित उन खिलाड़ियों से बात करते हैं जो नहीं खेल रहे हैं और नहीं खेलने के संदर्भ में सभी प्रश्नों के उत्तर देने को तैयार हैं। खिलाड़ियों के लिए कभी-कभी परेशान होना और आहत महसूस करना स्वाभाविक है, लेकिन मुझे लगता है कि उनके लिए मेरे मन में जो सम्मान है, उसकी वजह से मेरी टीम स्पष्टता और सच्चाई की हक़दार है, और मैं यही बताने की कोशिश कर रहा था।"
साहा ने आख़िरी बार नवंबर में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच खेला था। टीम प्रबंधन ने ऋषभ पंत को आराम दिया था और कानपुर में खेले गए इस मैच में साहा ने गर्दन की चोट के बावजूद दूसरी पारी में नाबाद अर्धशतक बनाया। उसी टेस्ट मैच में साहा से 10 साल छोटे केएस भरत ने उनकी जगह विकेटकीपिंग की और स्पिन के लिए मददगार पिच पर अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया।
दक्षिण अफ़्रीका दौरे पर साहा भारतीय दल का हिस्सा थे लेकिन उन्हें मैच खेलने का मौक़ा नहीं मिला। तभी से एक युवा विकेटकीपर को टीम में शामिल करने की बात चल रही थी।
इस साल भारत खेलेगा 5 टेस्ट
भारत को इस साल पांच और टेस्ट मैच खेलने हैं। दो मुक़ाबले अगले महीने श्रीलंका के ख़िलाफ़ घर पर होने हैं। इसके बाद पिछले साल के इंग्लैंड दौरे पर कोरोना के कारण स्थगित हुआ पांचवां टेस्ट खेलने के लिए टीम इंग्लैंड जाएगी। इसके बाद साल के अंत में भारत को दो टेस्ट मैचों के लिए बांग्लादेश का दौरा करना है।
शनिवार को श्रीलंका सीरीज़ के लिए भारतीय टीम की घोषणा हुई और साहा के साथ-साथ तीन और अनुभवी खिलाड़ियों अजिंक्या रहाणे, इशांत शर्मा और चेतेश्वर पुजारा को टीम से ड्रॉप किया गया। यह 2014 में महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास लेने के बाद से पहला मौक़ा था जब साहा को टेस्ट टीम में जगह नहीं मिल पाई। उनकी जगह 79 प्रथम श्रेणी मैच खेल चुके भरत को प्राथमिकता दी गई।
इस निर्णय को समझाते हुए प्रमुख कोच ने कहा, "इस साल हमें तीन टेस्ट खेलने हैं। ऋषभ पंत के पहली पसंद विकेटकीपर बनने के बाद, हम एक युवा विकेटकीपर को विकसित करना चाहते हैं। यही बात है। इससे ऋद्धि के लिए मेरी भावना या इज़्ज़त में कोई बदलाव नहीं आएगा।"
"जैसा कि मैंने पहले कहा, यह आसान होता अगर मैं खिलाड़ियों से यह बातचीत करता ही नहीं। लेकिन मैं वैसा नहीं हूं और ना ही मैं ऐसा कुछ करूंगा। मुझे उम्मीद नहीं है कि वे इसे पसंद करेंगे, लेकिन किसी स्तर पर मुझे उम्मीद है कि वे इस तथ्य का सम्मान करेंगे कि मैंने कम से कम सामने आकर उनके साथ ये बातचीत की।"(वार्ता)