कासेलनोवो डि पोटरे। पोप फ्रांसिस ने मुस्लिम, रूढ़िवादी, हिंदू और कैथोलिक शरणार्थियों के पांव पखारे और चूमे। उन्होंने सभी को एक ही ईश्वर की संतान घोषित किया।
उन्होंने भाईचारे की यह मिसाल यह ऐसे समय में दी है जब ब्रसेल्स हमलों के बाद मुस्लिम विरोधी और शरणार्थी विरोधी भावनाएं प्रबल हो रही हैं।
फ्रांसिस ने मार-काट की निंदा करते हुए उसे ‘युद्ध की मुद्रा’ ठहराया और कहा कि हथियार उद्योग द्वारा लोगों को खून का प्यासा बनाया जा रहा है। उन्होंने यह बात ईस्टर वीक मास के दौरान रोम के बाहर कासेलनोवो डि पोटरे में एक शरण स्थल में कही।
उन्होंने कहा कि हम सभी की विभिन्न संस्कृतियां और धर्म है लेकिन हम सभी भाई हैं और हम शांति से रहना चाहते हैं। (भाषा)