Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

प्राणायाम से पाएं दीर्घायु

प्राणायाम से पाएं दीर्घायु

अनिरुद्ध जोशी

योग से पाएं लंबा जीवन 
 
हर कोई चाहता है कि जब तक वह जीवित रहे, स्वस्थ ही रहे। स्वस्थ रहते हुए ही अपने बच्चों को बड़ा होते देखे व अपने नाती-पोतों को भी खिला ले। स्वस्थ शरीर में रहते हुए लंबी उम्र जीना हर किसी की इच्छा होती है। योग से आप तन-मन से स्वस्थ रहने के साथ ही अपनी उम्र भी बढ़ाकर ज्यादा वर्षों तक जीवित रह सकते हैं।    
 
आइए जानते हैं योग के आसन प्राणायाम के बारे में जिसे कुंभक नाम से भी जाना जाता है, यह आपकी उम्र बढ़ाने में सहायक होता है...
 
प्राणायाम क्या है?  
 
कछुए की सांस लेने और छोड़ने की गति इंसानों से कहीं अधिक दीर्घ है। व्हेल मछली की उम्र का राज भी यही है। बड़ और पीपल के वृक्ष की आयु का राज भी यही है। वायु को योग में प्राण कहते हैं। इसलिए प्राणायाम को अपने नियमित जीवन का हिस्सा बनाएं। प्राणायाम का अभ्यास ऐसे करें : श्वसन-क्रिया जितनी मंद और सूक्ष्म होगी उतना ही मंद जीवन क्रिया के क्षय होने का क्रम होगा। यही कारण है कि श्वास-प्रश्वास का नियंत्रण करने तथा पर्याप्त समय तक उसको रोक रखने (कुंभक) से आयु के भी बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। इसी कारण योग में कुंभक या प्राणायाम का सर्वाधिक महत्व माना गया है।
 
नियमित प्राणायाम करने पर इसके लाभ पाने के लिए इन नियमों का पालन भी करें- 
 
1. श्वास-प्रश्वास में स्थिरता और संतुलन से शरीर और मन में भी स्थिरता और संतुलन बढ़ता है। इससे रोग-प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है साथ ही मन के स्थिर रहने से इसका निगेटिव असर शरीर और मस्तिष्क पर नहीं पड़ता है।
 
2. काम, क्रोध, मद, लोभ, व्यसन, चिंता, व्यग्रता, नकारात्मता और भावुकता से मन-मस्तिष्क रोग से ग्रस्त हो जाता है। यह रोगग्रस्त मन हमारे शरीर का क्षरण करता रहता है। इस पर कंट्रोल करने के लिए ही ध्यान करते है।
 
3. इसके लिए प्राणायाम का अभ्यास करते हुए वायु प्रदूषण से बचना जरूरी है। शरीर में दूषित वायु के होने की स्थिति में भी उम्र क्षीण होती है और रोगों की उत्पत्ति होती है। यदि आप लगातार दूषित वायु ही ग्रहण कर रहे हैं तो समझो कि समय से पहले ही रोग और मौत के निकट जा रहे हैं।

webdunia
 
4. प्रतिबंध: अनावश्यक चिंता-बहस, नशा, स्वाद की लालसा, असंयमित भोजन, गुटका, पाऊच, तम्बाकू और सिगरेट के अलावा अतिभावुकता और अतिविचार के चलते बहुत से लोग समय के पूर्व ही अधेड़ होने लगे हैं और उनके चहरे की रंगत भी उड़ गई है। उक्त सभी पर प्रतिबंध लगाएं।
 
5. आहार संयम : अपना आहार बदलें। पानी का अधिकाधिक सेवन करें, ताजा फलों का रस, छाछ, आम का पना, जलजीरा, बेल का शर्बत आदि तरल पदार्थों को अपने भोजन में शामिल करें। ककड़ी, तरबूज, खरबूजा, खीरा, संतरा तथा पुदीने का भरपूर सेवन करें तथा मसालेदार या तैलीय भोज्य पदार्थ से बचें। हो सके तो दो भोजन कम ही करें।
 
6. यदि ज्यादा समय हो तो : शंख प्रक्षालन, ताड़ासन, त्रिकोणासन, पश्चिमोत्तनासन, उष्ट्रासन, धनुरासन और नौकासन भी करें। ये नहीं कर सकते तो प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करें।
 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

पिता का अनुसरण कर लिया तो नहीं पड़ेगा पछताना