आयुर्वेद के अनुसार व्यक्ति की प्राकृतिक उम्र 120 वर्ष होती है परंतु व्यक्ति 70 से 90 के बीच मर जाता है। कुछ तो 50 में ही स्वर्ग पहुंच जाते हैं। ऐसा क्यों होता है? यदि आपने 7 काम कर लिए तो आपकी आयु बढ़ जाएगी।
1. वायु का शुद्ध होना जीवन की दीर्घता के लिए बेहद जरूरी है। वायु से ही आयु है। प्रदूषण में जी रहे हैं तो आयु घटती रहेगी। अत: उचित वातावरण में रहें या फिर मास्क लगाकर रखें और प्रात:काल प्राणायाम नियमित रूप से करें। वायु, प्राण, व्यान, अपान, समान आदि वायुओं से मन को रोकने और शरीर को साधने का अभ्यास करना ही असल में प्राणायाम है। प्राणायाम में अनुलोम-विलोम करें। जलनेति से भी प्राणवायु ठीक होती है।
2. शुद्ध वायु के बाद शुद्ध जल जरूरी है। जल का अलग-अलग तरह से सेवन करने से सभी तरह के रोग में लाभ मिलता है। कहते हैं जल को आराम से घुंट घुंण कर ग्रहण करना चाहिए। जल को पीतल या तांबे के गिलास में ही पीना चाहिए।
3. उत्तम, सात्विक और स्वादिष्ट खाना ही खाएं। इसके अलावा सप्ताह में एक दिन उपवास जरूर करना चाहिए। उपवास से शरीर शुद्ध और निर्मल बनता है। यूनिवर्सिटी कालेज लंदन स्थित इंस्टिट्यूट औफ हैल्थ ऐजिंग के बुढ़ापे से निबटने के मकसद से आनुवंशिकी और लाइफस्टाइल फैक्टरों का अध्ययन कर रहे वैज्ञानिक भी उपवास के महत्व को मानते हैं। इंस्टिट्यूट में रिसर्च टीम से जुड़े प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. मैथ्यू पाइपर का कहना है कि आहार पर नियंत्रण जीवन को दीर्घायु बनाने का एक असरदार तरीका है। डॉ. पाइपर के मुताबिक यदि आप किसी चूहे के आहार में 40% की कमी कर दें तो वह 20 या 30% ज्यादा जीवित रहेगा। उनके जैसी राय रखने वाले कई अन्य वैज्ञानिकों का दावा है कि आहार पर नियंत्रण से मनुष्य का जीवनकाल भी बढ़ाया जा सकता है।
4. कसरत नहीं, जिम वाला व्यायाम नहीं, अखाड़े वाला व्यायाम नहीं, योग के आसन भी नहीं। बस योग का अंग संचालन वाला नियमित व्यायाम करना चाहिए। अंग संचालन के अंतर्गत सभी अंगों को बारी बारी से संचालित किया जाता है। ऐसा नहीं कर सकते हैं तो कम से कम 10 मिनट दौड़ें या तैरें।
5. उचित समय पर सोना जाना और उचित समय पर उठना जरूरी है। देर रात तक जागना और देस सुबह तक उठने से हमारी प्राकृतिक नींद गड़बड़ हो जाती है जिसका असर उम्र पर पड़ा है। इसके लिए आप उठने के बाद ध्यान करें और सोन के पूर्व ध्यान करें। आप योगनिद्रा भी सीख सकते हैं। ध्यान जहां हमारे जागरण को ठीक करता है, वहीं योग निद्रा हमारी नींद को ठीक करती है।
6. रूस के साइबेरिया के जंगलों में एक औषधि पाई जाती है जिसे जिंगसिंग कहते हैं। चीन के लोग इसका ज्यादा इस्तेमाल करके देर तक युवा बने रहते हैं। भारत में भी इस तरह की कई जड़ी बूटियों का आयुर्वेद में उल्लेख मिलता है। कहते हैं कि सोमवल्ली, इफेड्रा, कीड़ा घास, संजीवनी बूटी, बेल, आंवला, ब्राह्मी, जटामासी, शंखपुष्पी, जपा, हरड़, मयूर कंद, धोली मूसली, मखनफल (एवोकैडो), आदि आपकी बढ़ती आयु को रोकने में सक्षम है। इनके बारे में विस्तार से जानकर इनका किसी आयुर्वेदाचार्य से सलाह लेकर ही सेवन करना चाहिए। इसके अलावा एक विशेष प्रकार की मछली का सेवन भी जवान बने रहने में लाभदायक होता है।
7. वर्षभर में कम से कम एक बार शरीर रूपी मशीन का शोधन पंचकर्म चिकित्सक के निर्देश में अवश्य करवाएं। इससे लम्बी एवं रोगरहित आयु प्राप्त होती है।