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10 बातों से जानिए शेयर बाजार के लिए कैसा रहा 2023?

share market 2023

नृपेंद्र गुप्ता

, गुरुवार, 28 दिसंबर 2023 (15:54 IST)
वर्ष 2023 में भारतीय शेयर बाजार ने जबरदस्त रिटर्न दिया। अडाणी हिंडनबर्ग एपिसोड को छोड़कर सेंसेक्स, निफ्टी के लिए इस वर्ष सब कुछ सकारात्मक ही रहा। एक तरह जहां दुनियाभर के बाजार वैश्विक मंदी से परेशान दिखे वहीं भारत के प्रति निवेशकों का विश्वास दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही दिखाई दिया। मिडकैप और स्मॉलकैप खंड अपने बड़े समकक्षों से आगे निकलते दिखाई दिए।
 
सेंसेक्स निफ्टी की तेज चाल : 2 जनवरी को सेंसेक्स 61,167 के स्तर पर था, 28 जून को 64,000 हुआ और 18 
दिसंबर को 72,361 पर पहुंच गया। इसमें लगभग 11,300 अंकों (18.71 फीसदी) की तेजी दिखाई दी। इसी तरह निफ्टी भी 2023 के पहले कारोबारी दिन 18200 के करीब था, 14 जुलाई को यह 19565 पर पहुंचा और 28 दिसंबर को यह 21743 पर पहुंच गया। 2023 में इसमे करीब 19.98 फीसदी की तेजी आई। भारतीय शेयर बाजार इस वर्ष के अंत में किलकारी भरते हुए पहली बार 4 ट्रिलियन डॉलर मार्केट कैप क्लब में शामिल हो गया।
 
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बुरा सपना था मार्च : इस साल 28 मार्च को स्मॉलकैप और मिडकैप सूचकांक अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गए थे। बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 28 मार्च को अपने एक साल के निचले स्तर 26,120.32 अंक पर रहा, जबकि मिडकैप सूचकांक उसी दिन अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर 23,356.61 अंक पर पहुंच गया था। वहीं इस साल 20 मार्च को बीएसई सेंसेक्स सूचकांक अपने एक साल के निचले स्तर 57,084.91 अंक पर पहुंच गया था। हालांकि इसी माह बाजार ने तेज रफ्तार से रिकवर भी किया। 
 
36 माह में 22 हजार अंक बढ़ा सेंसेक्स : पिछले 3 सालों में भारतीय शेयर बाजार को मानों पर लग गए हैं। सेंसेक्स 21 जनवरी 2021 को पहली बार 50 हजारी हुआ था। इसी वर्ष सितंबर में इसने पहली बार 60 हजार का आंकड़ा छुआ। नवंबर 2022 पहली बार यह 63 हजारी हुआ। जुलाई 2023 में 65 हजार होते हुए साल के अंत में यह 72 हजार पार हो गया। इस तरह मात्र 24 माह में यह 22 हजार अंक बढ़ गया।
 
छोटे शेयर बने पहली पंसद : बेहतर आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों और भारी खुदरा निवेशकों की भागीदारी से इक्विटी बाजार के लिहाज से 2023 एक लाभप्रद वर्ष साबित हुआ। 2023 में छोटे शेयर 2023 में दलाल स्ट्रीट की पहली पंसद बने रहे। ऐसा माना जाता है कि स्थानीय निवेशकों द्वारा छोटे शेयरों में खरीदी की जाती हैं जबकि विदेशी निवेशक ‘ब्लू चिप’ या बड़ी कंपनियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
 
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इन शेयरों में बहार : बाजार विशेषज्ञ सागर अग्रवाल ने कहा कि 2023 में ऑटो, बैंकिंग, आईटी, पॉवर, इंफ्रा और रियल्टी सेक्टर के शेयरों में बूम जबरदस्त दिखाई दिया। ICICI बैंक, कोल इंडिया, एसबीआई, बजाज ऑटो, आईटीसी, टीसीएस, इंफोसिस जैसी ब्लूचिप कंपनियों ने जबरदस्त रिटर्न किया। PSU कंपनियों के शेयरों में निवेशकों को काफी फायदा हुआ।  
 
FPI ने दिखाया उत्साह : इस साल अभी तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का कुल निवेश 1.62 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है। एफपीआई ने इस महीने अभी तक भारतीय इक्विटी बाजारों में 57,300 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।
 
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IPO से जुटाए 52,000 करोड़ : वर्ष 2023 में प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गमों (IPO) के जरिये 52,000 करोड़ रुपए जुटाए गए। वर्ष 2022 में एलआईसी के 20,557 करोड़ रुपये के मेगा आईपीओ को छोड़ दें तो इस साल सार्वजनिक निर्गमों के जरिए जुटाई गई राशि 36 प्रतिशत अधिक है। इस साल छोटी और मझोली कंपनियों का प्रदर्शन बेहतर रहा। विशेषज्ञों के मुताबिक वर्ष 2024 में भी आईपीओ बाजार की मजबूती बने रहने का अनुमान है। 
 
पटरी पर म्यूचुअल फंड्स इंडस्ट्री : म्यूचुअल फंड उद्योग ने पिछले साल के निराशाजनक प्रदर्शन से उबरते हुए इस साल जोरदार वापसी की। इसके परिसंपत्ति आधार में नौ लाख करोड़ रुपए की उल्लेखनीय वृद्धि हुई। दावा किया जा रहा है कि वृद्धि एक उत्साही शेयर बाजार, स्थिर ब्याज दरों और मजबूत आर्थिक विस्तार से प्रेरित है। 
 
म्यूचुअल फंड निकाय एम्फी के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष कुल निवेश 3.15 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, साथ ही निवेशकों की संख्या में 2 करोड़ से अधिक की वृद्धि हुई है। SIP के माध्यम से 1.66 लाख करोड़ रुपए का निवेश हुआ।
 
अडाणी हिंडनबर्ग मामला : यह वर्ष अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में निवेश करने वालों के लिए भी यादगार रहा।  हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट ने अडाणी ग्रुप की कंपनियों को अर्श से फर्श पर पहुंचा दिया। एक समय अडाणी ग्रुप का अस्तित्व तक संकट में पड़ता नजर आने लगा लेकिन संकट की घड़ी में गौतम अडाणी ने धैर्य के साथ मुश्किलों का सामना किया। इस बात के प्रयास किए गए कि निवेशकों को कम से कम नुकसान हो। बहरहाल 2023 की विदाई से पहले ही संकट के बादल छंट गए। अमेरिका द्वारा हिंडनबर्ग की रिपोर्ट खारिज करने के बाद कंपनी ने जबरदस्त मुनाफा कमाया। जिन लोगों ने मुश्किल समय में अडाणी का साथ दिया उन्हें जबरदस्त फायदा हुआ। देखते ही देखते अडाणी ग्रुप एक बार फिर निवेशकों की पसंद बन गया।
 
कैसा रहेगा 2024 : निवेशकों को पिछले 3 वर्षों की तरह ही 2024 में भी भारतीय शेयर बाजार में भारी बढ़ोतरी की संभावना है। चुनाव के समय बाजार के स्थिर रहने और फिर डबल गति से बढ़ने की संभावना है। माना जा रहा है कि आने वाले वर्ष में सेंसेक्स और निफ्टी में 20 फीसदी बढ़ोतरी हो सकती है। कहा जा रहा है कि सेंसेक्स के 85,000 और निफ्टी के 25000 पार हो सकता है।

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