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year ending 2022 : भारत की प्रमुख धार्मिक घटनाएं

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शनिवार, 24 दिसंबर 2022 (18:12 IST)
Year Ender 2022 Major religious events : वर्ष 2022 बहुत ही हलचल वाला वर्ष रहा है। देश और दुनिया में जहां हिन्दू सनातन धर्म के प्राचार प्रसार बढ़ा है वहीं दुनियाभर के धर्म भी रेशनल थिंकर्स के निशाने पर आ गए हैं। इस बीच दुनियाभर के कुछ ऐसे धार्मिक स्थान रहे हैं जिन्होंने पूरे विश्‍व का ध्यान अपनी ओर‍ खिंचा है। आओ जानते हैं देश दुनिया के 10 ऐसे स्थान जो वर्षभर रहे सुखियों में।
 
- अयोध्या में इस वर्ष सरयू नदी के तट पर 15 लाख 76 हजार दीये जलाकर पिछले साल का रिकार्ड तोड़ा गया और साथ ही बनने वाला भव्य राम मंदिर की नींव बनकर तैयार हो गई है। यहां विश्व प्रसिद्ध रामलीला का भी आयोजन हुआ जिसमें यूक्रेन, रशिया, थाईलैंड, इंडोनेशिया और मलेशिया के कलाकारों ने भाग लिया।
 
- काशी विश्‍वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन तो पिछले साल ही हो गया था लेकिन इस साल इसी क्षेत्र में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर बहुत बवाल हुआ था। हिन्दू दावे के अनुसार यहां पर शिवलिंग पाया गया। कुछ महिलाओं ने यहां पर श्रृंगार गौरी की पूजा करने की कोर्ट से अनुमति भी मांगी थी। कोर्ट ने इस केस को सुनवाई योग्य माना। ज्ञानवापी पर विवाद अभी जारी है।
 
 
- दुनियाभर में हिन्दू मंदिरों का निर्माण हुआ लेकिन तेलंगाना में यदाद्री लक्ष्मी-नृसिंह मंदिर और पश्‍चिम बंगाल के मायापुर में इस्कॉन मंदिर की चर्चा खूब रही। बताया जा रहा है कि यह दुनिया के सबसे बड़े मंदिर हैं। इसी बीच महाकाल कॉरिडोर, केदारनाथ-बद्रीनाथ यात्रा और हेमकुंड रोपवे प्रोजेक्ट, पावागढ़ में कालिका मंदिर पुनर्विकसित, नया धार्मिक स्थल बागेश्वर धाम भी खूब चर्चा में रहे। विश्‍व का सबसे बड़ा चर्च बनेगा मिजोरम में, यह खबर रही चर्चा में।
 
 
- इस वर्ष जगन्नाथ पुरी की रथ यात्रा वर्षभर चर्चा में रही और इसी के साथ वहां घटने वाली अशुभ घटनाओं को लेकर भी कई तरह के कयास लगाए जाते रहे। लोगों के 500 वर्ष पूर्व हुए अच्युतानंद दास महाराज की भविष्य मालिका की किबात से कई तरह भविष्यवाणियां प्रचारित की। इसके कारण यह मंदिर वर्ष भर चर्चा में रहा।
 
- 8 मई, 2022 को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में मार्तंड सूर्य मंदिर के संरक्षित स्थल में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम भी विवादों में रहा। दरअसल, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) का कहना है कि मुख्य संरक्षित क्षेत्र परिसर में पूजा करने की अनुमति नहीं ली गई थी और इसे नियमों का उल्लंघन माना है।
 
 
- 16 अप्रैल, 2022 को ‘हनुमान जयंती’ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात के मोरबी में हनुमान जी की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का लोकार्पण किया। हनुमानजी धाम परियोजना’ के तहत देश भर में चारों दिशाओं में स्थापित की जा रही 4 प्रतिमाओं में से यह दूसरी प्रतिमा है।
- कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 15 मार्च, 2022 को राज्य के स्कूलों और कॉलेजों में छात्राओं द्वारा हिजाब पहनने पर प्रतिबंध को बरकरार रखा है। कोर्ट का मानना है कि हिजाब पहनना इस्लाम में एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है और इसलिए, संविधान के अनुच्छेद 25 द्वारा गारंटीकृत धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार के तहत संरक्षित नहीं है।
 
 
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 फरवरी, 2022 को हैदराबाद के निकट मुचिनताल में तमिल वैष्णव संत रामानुजाचार्य की 216 फीट ऊंची प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी' को राष्ट्र को समर्पित किया। यह प्रतिमा 'पंचलोहा' से बनी है, जो पांच धातुओं- सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ता का एक संयोजन है और दुनिया में बैठने की अवस्था में सबसे ऊंची धातु की मूर्तियों में से एक है। यह 54 फीट ऊंचे आधार भवन पर स्थापित है, जिसका नाम 'भद्र वेदी' है।
 
 
- संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने 15 जनवरी, 2022 को घोषणा की है कि उत्तर प्रदेश के बांदा के लोखरी गांव में एक मंदिर से अवैध रूप से हटाई गई 10वीं शताब्दी की ‘बकरी के सिर वाली योगिनी की पत्थर की मूर्ति' भारत को वापस की गई। इससे पहले लंदन में भारतीय उच्चायोग ने 1980 के दशक के आसपास लोखरी में एक मंदिर से अवैध रूप से हटाई गई इस मूर्ति की बरामदगी और उसके स्वदेश भेजे जाने की घोषणा की।
 
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 जनवरी, 2022 को श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के शुभ अवसर पर घोषणा की कि इस वर्ष से 26 दिसंबर को साहिबजादा जोरावर सिंह जी और साहिबजादा फतेह सिंह जी की शहादत की स्मृति में 'वीर बाल दिवस' के रूप में मनाया जाने की घोषणा की।
 
 
- जगन्नाथ मंदिर के स्वामित्व वाली भूमि से संबंधित मुद्दों को सुलझाने के उद्देश्य हेतु एक ऐतिहासिक निर्णय में, ओडिशा राज्य मंत्रिमंडल ने 5 जनवरी, 2022 को श्री जगन्नाथ मंदिर अधिनियम, 1954 में संशोधन को मंजूरी दे दी। भारत की स्वतंत्रता के बाद, ओडिशा राज्य ने औपचारिक रूप से वर्ष 1952 में जगन्नाथ मंदिर अधिनियम पेश किया था, जो 1954 में लागू हुआ।
 
- 3 जनवरी, 2022 को दिल्ली विधान सभा ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा अधिनियम, 1971 में एक संशोधन विधेयक पारित किया, जिसमें ‘तख्त दमदमा साहिब’ को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति में सिखों के पांचवें तख्त के रूप में मान्यता दी गई। पांच सिख तख्त हैं, पंजाब में तीन और महाराष्ट्र और बिहार में एक-एक।

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