Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

Year Ender 2021 : सोशल मीडिया कंपनियों और सरकार के बीच रही तनातनी, नए साल में और बढ़ सकता है तनाव

Webdunia
शनिवार, 1 जनवरी 2022 (18:50 IST)
नई दिल्ली। सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनियों और भारत सरकार के बीच तनातनी के साथ साल 2021 की शुरुआत हुई थी और नए साल 2022 में यह तनाव और बढ़ने की आशंका है। इसकी वजह यह है कि केंद्र सरकार निजी डेटा की सुरक्षा, डिजिटल मंचों की कड़ी निगरानी और सीमापार से आने वाली सूचनाओं के नियमन के लिए कानून लेकर आई है।

सोशल मीडिया मंचों के लिए बीते साल की शुरुआत उतार-चढ़ाव वाली रही, जब सरकार ने ट्विटर से कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के बारे में होने वाले ट्वीट और हैंडल पर वह रोक लगाए। ट्विटर ने निर्देश का पालन किया लेकिन बाद में खातों को बहाल कर दिया जिसके कारण माइक्रोब्लॉगिंग मंच और सरकार के बीच बड़े पैमाने पर गतिरोध बन गया।

मामला तब और भी बिगड़ गया जब सरकार ने और नोटिस जारी कर ट्विटर को ऐसे और अकाउंट बंद करने के लिए कहा, जो किसानों के प्रदर्शन के बारे में भ्रामक और उकसावे वाली जानकारी डाल रहे थे। दूसरी ओर ट्विटर ने देश में अपने कर्मचारियों की सुरक्षा लेकर चिंता जताई। मई में दिल्ली पुलिस द्वारा उसके कार्यालय परिसर में तलाशी लेने के बाद उसने पुलिस पर डराने-धमकाने का भी आरोप लगाया।

फरवरी में केंद्र सोशल मीडिया और ओटीटी मंचों को और जवाबदेह बनाने के लिए सख्त नियम लाया था। इनके तहत इस क्षेत्र की कंपनियों को विवादित सामग्री जल्द से जल्द हटाना था, शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त करना, जांचकर्ताओं के साथ सहयोग करना आदि शामिल था।

फेसबुक (अब मेटा) और गूगल ने 26 मई की समयसीमा तक इन नियमों का अनुपालन आरंभ कर दिया, लेकिन ट्विटर ने अतिरिक्त समयसीमा समाप्त होने के बावजूद नियमानुसार अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की। नियमों का पालन न करने पर इन सोशल मीडिया कंपनियों को अपने मध्यवर्ती के दर्जे को खोना पड़ेगा जो उन्हें किसी भी तीसरे पक्ष की जानकारी और उनके डेटा के लिए देनदारियों से छूट प्रदान करता है।

जून में ट्विटर ने तब फिर विवादों को हवा दी जब उसने सूचना एवं प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद का अकाउंट अस्थाई तौर पर बंद कर दिया। उसने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के निजी अकाउंट से वह नीला निशान भी हटा दिया जो अकाउंट को सत्यापित करता है।

दूसरी ओर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) गूगल की जांच कर रहा है कि उसने प्रतिस्पर्धा रोधी, पक्षपातपूर्ण और ऐसे व्यापार हथकंडे तो नहीं अपनाए जिन पर रोक है। वॉट्सएप भी अपनी निजता नीति को लेकर विवादों में रही। हालांकि 2021 कू जैसे घरेलू मंचों के लिए बढ़िया साल रहा।(भाषा) 

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

क्‍या अब लुटियंस दिल्‍ली में रहती हैं पूर्व पीएम शेख हसीना, बांग्‍लादेश में क्‍यों नहीं थम रहा बवाल?

पहले दोस्त से सुहागरात का वीडियो बनवाया, फिर करने लगा ब्लैकमेल

शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय को दिग्विजय सिंह की नसीहत

बाल संत अभिनव अरोड़ा से गुस्‍साए स्वामी रामभद्राचार्य, स्टेज से उतारा-कहा नीचे उतरो

शुक्रवार को फिर मिली 25 से ज्‍यादा विमानों को बम से उड़ाने की धमकी

सभी देखें

नवीनतम

क्या जर्मन कारोबारों के लिए चीन की जगह ले सकता है भारत?

इजराइल का ईरान पर पलटवार, IDF की ईरानी सैन्य ठिकानों पर एयर स्ट्राइक

चीन के साथ समझौते का क्या निकला नतीजा, उत्तरी सैन्य कमांडर ने दिया यह बयान

Burger King Murder Case में आरोपी लेडी डॉन अनु धनखड़ नेपाल सीमा से गिरफ्तार

अहमदाबाद में 48 अवैध बांग्लादेशी गिरफ्तार, वापस भेजा जाएगा स्वदेश

આગળનો લેખ
Show comments