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क्या सुप्रीम कोर्ट ने दिया बैलेट पेपर से चुनाव करवाने का आदेश...जानिए वायरल वीडियो का सच...

क्या सुप्रीम कोर्ट ने दिया बैलेट पेपर से चुनाव करवाने का आदेश...जानिए वायरल वीडियो का सच...
, मंगलवार, 24 सितम्बर 2019 (16:05 IST)
चुनावी मौसम लौट आया है। अगले महीने महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस चनावी मौसम में फेसबुक पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि चार राज्यों में बैलेट पेपर से चुनाव होंगे।
 
HINDI LIONS नामक यूट्यूब चैनल ने वीडियो को पोस्ट कर लिखा है- ‘कांग्रेस के लिए खुशखबरी अब चार राज्यों में होंगे बैलेट पेपर से चुनाव, सुप्रीम कोर्ट का आदेश’। इस वीडियो को अभी तक एक लाख सत्तर हजार से ज्यादा लोग देख चुके हैं। कई यूजर्स ने इसी वीडियो को फेसबुक पर शेयर किया है।
 


विपक्षी पार्टियां अकसर ईवीएम का विरोध कर बैलेट पेपर से चुनाव करवाने की मांग करती रही हैं। इसलिए लगता है कि जब वीडियो का टाइटल देखा, तो लोगों ने आनन फानन में बिना वीडियो देखे ही शेयर कर दिया।
 
ऐसा हम इसलिए कहा रहे हैं क्योंकि इस वीडियो में दो व्यक्ति ईवीएम को बैन करने की मांग करते दिख रहे हैं और इस पर अपने अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं। लेकिन वीडियो में ऐसी कोई बात नहीं कही गई है, जैसा कि वीडियो के टाइटल में लिखा है।
 
हमें इंटरनेट पर भी वायरल दावे से संबंधित कोई न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली।
 
वायरल वीडियो कब का है?
 
वीडियो में CYSS का बैनर लगा दिख रहा है। गूगल सर्च करने पर पता चला कि CYSS आम आदमी पार्टी (AAP) की स्टूडेंट विंग है। फिर हमने ईवीएम का विरोध कर रहे दूसरे शख्स का स्क्रीनशॉट लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया, तो पता चला कि वह AAP के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता दिलीप पांडेय है।
 
दिलीप लोकसभा चुनाव 2019 में AAP के उत्तर पूर्व दिल्ली से उम्मीदवार थे और उन्हें भाजपा के मनोज तिवारी ने हराया था। इस हार का जिक्र खुद दिलीप ने वीडियो में भी किया है।
 
दरअसल, बैलेट पेपर से चुनाव कराने सहित विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय से CYSS के छात्र अनशन पर थे। 7 सितंबर को दिलीप पांडेय ने मौके पर जाकर उनका अनशन तुड़वाया था, वायरल वीडियो उसी दिन का है। दिलीप पांडेय ने उस दिन की कुछ तस्वीरें को रीट्वीट भी किया है।


 
वेबदुनिया की पड़ताल में पाया गया है कि वीडियो के साथ किया गया दावा गलत है। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया जिसमें चार राज्यों में बैलेट पेपर से चुनाव होने का जिक्र हो।

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